Benefits of Sukhasana : मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए योग क्रियाएं असरदार हैं। शरीर के सभी अंगों की स्वास्थ्य के लिए भिन्न भिन्न योगासनों का अभ्यास किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त आंतरिक समस्याओं से निजात पाने के लिए भी योग फायदेमंद है। हालांकि योगासनों का अभ्यास कुछ मुश्किल होता है लेकिन आप योग विज्ञान के सबसे आसान आसनों के अभ्यास से आरंभ कर सकते हैं। सुखासन सबसे आसान योगासनों में से एक है। इसको आसान आसन भी बोला जाता है। नाम से ही साफ है कि सुखासन से अर्थ सुख से बैठना है। सुखासन किसी भी उम्र या स्तर पर किया जा सकता है। इस आसन के अभ्यास से घुटनों और टखने में खिंचाव आता है। पीठ को मजबूती मिलती है। आइए जानते हैं सुखासन के लाभ और अभ्यास का तरीका।
सुखासन के अभ्यास का ठीक तरीका
- इस आसन को करने के लिए मैट पर पैरों को फैलाकर बैठ जाएं। इस दौरान पीठ को सीधा रखें।
- अब दोनों पैरों को बारी-बारी से क्रॉस करते हुए घुटनों से भीतर की तरफ मोड़ें। घुटने बाहर की तरफ रखें और पालथी मारकर बैठ जाएं।
- पैरों को आराम देते हुए बैठें। ध्यान रखें कि घुटने जमीन को छूते रहें।
- कमर, गर्दन, सिर और रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधा रखें।
- आंखें बंद करके गहरी सांस लें और कुछ मिनट इसी मुद्रा में बैठें रहे।
सुखासन से पहले के आसन
- अनुलोम-विलोम
- कपालभाति
- वज्रासन
- उत्तानासन
- धनुरासन
नोट: यह लेख योग विशेषज्ञों के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। आसन की ठीक स्थिति के बारे में जानने के लिए किसी योगगुरु से संपर्क कर सकते हैं।अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, जानकारों और अकादमिक संस्थानों से वार्ता के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों और सूचनाओं को मीडिया के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा और परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। मीडिया लेख में प्रदत्त जानकारी और सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित रोग के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श लें।