रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक है इस पेड़ की पत्तियों का रस
बाराबंकी: आज के आधुनिक युग में, जब विज्ञान ने चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाए हैं, आयुर्वेद की प्राचीन चिकित्सा पद्धति फिर से लोगों का ध्यान आकर्षित कर रही है। पीपल, एक ऐसा ही वृक्ष है, जिसका उल्लेख पुराणों में भी मिलता है और जिसके सभी भाग औषधीय गुणों से भरपूर हैं। पीपल की छाल, पत्ते और दूध, अनेक रोगों का निदान करने में सहायक होते हैं। पौराणिक काल में लोग आयुर्वेद के माध्यम से ही अपनी रोंगों का उपचार करते थे पीपल उन जरूरी औषधियों में से एक था।
आयुर्वेद के अनुसार, पीपल का पौधा हमारी स्वास्थ्य के लिए अत्यंत फायदेमंद है। यह मधुमेह, यकृत, हृदय, पेट की समस्याएं, दांतों का दर्द, रक्तचाप, अस्थमा जैसी कई गंभीर रोंगों में उपयोगी है।
पीपल के सभी भाग गुणकारी
जिला हॉस्पिटल बाराबंकी के चिकित्सक, डाक्टर अमित वर्मा (एमडी मेडिसिन) बताते हैं कि पीपल के पेड़ में अनेक औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसकी पत्तियों का रस, छाल और दूध हमारे शरीर में होने वाली कई रोंगों से बचाता है।
पत्तियों का रस: दिल मरीजों में रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होता है। साथ ही, यह मधुमेह को भी नियंत्रित करने में सहायता करता है। दांतों के दर्द में भी इसका रस फायदेमंद होता है।
छाल: अस्थमा के मरीजों के लिए फेफड़ों की सूजन को कम करने में मददगार होती है। एड़ियों के फटने पर, छाल का लेप लगाने से फायदा होता है।
काढ़ा: पेट दर्द, यकृत की समस्याओं और पाचन क्रिया को बेहतर बनाने के लिए काढ़ा उपयोगी होता है।
यह साफ है कि पीपल एक अद्भुत वृक्ष है, जो अनेक रोगों का निदान करने में सहायक होता है। आयुर्वेद के अनुसार, इसका इस्तेमाल प्राकृतिक और सुरक्षित ढंग से स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए किया जा सकता है।
अन्य जरूरी बातें
पीपल के औषधीय गुणों का इस्तेमाल करने से पहले, चिकित्सक से राय लेना जरूरी है।
गर्भवती स्त्रियों और बच्चों को पीपल की औषधियों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
पीपल के पेड़ को पवित्र माना जाता है, इसलिए इसकी पूजा भी की जाती है।