अनिद्रा की समस्या युवाओं के लिए हो सकती है जानलेवा
आजकल की भागदौड़ भरी जीवन में स्ट्रेस या फिर अधिक थकान की वजह से रात में नींद कई बार टूटना है या नहीं आना आम बात हो गई है ।एक्सपर्ट के मुताबिक रात में 7-8 घंटे की अच्छी नींद लेना स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान हमारे शरीर को रीचार्ज होने का मौका मिलता है। जिससे अगले दिन सुबह हम तरोताजा महसूस करते हैं। यात्रा, काम या किसी अन्य वजह से कभी-कभी नींद न पूरी होना ठीक है, लेकिन यदि आप अक्सर इस परेशानी से जूझते हैं, तो आप इनसोम्निया यानी अनिद्रा की परेशानी से पीड़ित हैं।
हम में से कई लोग ऐसे हैं, जो आधी रात तक जागते हैं, अनिद्रा की वजह से हम कई रोंगों से ग्रसित हो जाते हैं। इन रोंगों में हाई ब्लड प्रेशर, मधुमेह, मोटापा, मानसिक रोंगों शामिल हैं। उत्तराखंड के अल्मोड़ा के जिला हॉस्पिटल में नींद से संबंधित रोंगों के लिए 15 से 20 रोगी रोज उपचार के लिए आ रहे हैं। इसमें सबसे अधिक रोगी युवा हैं। नींद की कमी का नकारात्मक असर दिमाग पर भी पड़ता है। यदि आदमी पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं ले पा रहा है, तो इससे उसकी दिमागी क्षमता कम हो जाती है। आज के समय में युवा वर्ग काफी अधिक समय मोबाइल पर बिता रहे हैं, जिससे वे इस रोग की चपेट में आ रहे हैं। Local 18 की टीम ने जिला हॉस्पिटल की मनोरोग जानकार से खास वार्ता की।
त्वचा की चमक पर पड़ेगा असर
मनोरोग जानकार चिकित्सक रितिका सिंह ने बोला कि केवल एक रात की नींद पूरी न होने से आंखें सूज जाती हैं और त्वचा रूखी हो सकती है। यदि कोई आदमी रोज इस परेशानी का शिकार है तो उसको त्वचा से संबंधित कई स्थायी दिक्कतें भी हो सकती हैं। ऐसे लोगों में आंखों के नीचे काले घेरे, रूखी त्वचा और चेहरे पर महीन रेखाएं हो सकती हैं। समय के साथ त्वचा की चमक भी कम हो जाती है
बच्चे भी हो रहे अनिद्रा के शिकार
डॉक्टर रितिका सिंह ने बोला कि युवा ही नहीं बल्कि छोटे बच्चे भी अनिद्रा की वजह से कई रोंगों की चपेट में आ रहे हैं। यदि नींद पूरी नहीं होती है, तो दिन भर शरीर में थकान रहना, चिड़चिड़ा होना, किसी भी काम में मन न लगना, इसके अतिरिक्त शारीरिक रूप से कमजोरी महसूस होने जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ेगा बुरा असर
डॉक्टर रितिका सिंह ने आगे बोला कि नींद पूरी न होने से हम रोंगों से ग्रसित हो सकते हैं। इसका मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। अनिद्रा की वजह से डायबिटीज, हाइपरटेंशन जैसी रोंगों की चपेट में हम आ जाते हैं और मानसिक तौर पर डिप्रेशन, चिंता करना, हर समय गुस्सा आना जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। यदि हमें इन चीजों से बचना है, तो हमें प्रतिदिन 6 से 8 घंटा सोना चाहिए। इसके अतिरिक्त हमें अपने खानपान और अपने शरीर पर भी ध्यान देना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि सोने के समय आपको टेलीफोन नहीं चलाना चाहिए।