रूस-यूक्रेन युद्ध : अमेरिकी सेना में तोप के गोलों की कमी, तुर्की के साथ समझौता
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की गूंज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पड़ रही है.इस युद्ध से हथियार निर्माता कंपनियों को लाभ हो रहा है. उधर, यूक्रेन को हथियार सप्लाई करने के कारण अमेरिका जैसा राष्ट्र भी तोपखाने और उसके सामान के लिए दूसरे राष्ट्रों की ओर देख रहा है.
अमेरिका ने तोप के गोलों के साथ-साथ टीएनटी और नाइट्रोगुआनिडाइन की आपूर्ति के लिए तुर्की के साथ एक समझौता किया है, जो तोप के गोले बनाने के लिए जरूरी प्रमुख सामग्री है. अमेरिका 155 मिलीमीटर तोप के गोलों का उत्पादन तीन गुना करना चाहता है और इसके लिए उपरोक्त सामग्री जरूरी है.
रूस और यूक्रेन के बीच दो वर्ष से चल रहे संघर्ष के कारण अमेरिका को तुर्की से संपर्क करना पड़ा है. इस युद्ध के कारण पश्चिमी राष्ट्र यूक्रेन को हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति कर रहे हैं और इसके कारण ये राष्ट्र अपने स्वयं के भंडार को ख़त्म कर रहे हैं. दूसरी ओर, जैसे-जैसे मांग बढ़ रही है, पूरे विश्व की कंपनियों को बैकलॉग का सामना करना पड़ रहा है. टीएनटी सामग्री की कमी है, विशेष रूप से तोप के गोले और अन्य बम बनाने के लिए इस्तेमाल की जाती है. दूसरी ओर, वैसे तुर्की इस सामग्री की आपूर्ति कर सकता है, इसलिए अमेरिका ने तुर्की के साथ एक सौदा करने का निर्णय किया है.
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन 9 मई को व्हाइट हाउस जाएंगे और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से इस मामले पर चर्चा करेंगे। अमेरिका और तुर्की के बीच सेना संबंध घनिष्ठ होते जा रहे हैं. तुर्की द्वारा स्वीडन को नाटो में शामिल होने के लिए हरी झंडी देने के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका तुर्की को F-16 लड़ाकू विमान, मिसाइलें और बम बेचने के लिए तैयार है. यह डील 23 अरब $ की मानी जा रही है।
दूसरी ओर, अमेरिकी सेना ने टेक्सास की एक कंपनी को तोप के गोले बनाने का ठेका दिया है और इसमें एक तुर्की कंपनी भी शामिल है. जून से यहां उत्पादन किया जाएगा. तुर्की की एक हथियार कंपनी को आशा है कि वह 2025 तक अमेरिका की तोपखाने की जरूरतों का 30 फीसदी उत्पादन कर लेगी. अमेरिका ने इस वर्ष तुर्की की एक अन्य कंपनी से 1.16 लाख तोप के गोले खरीदे हैं।