इजराइल से जंग के बीच अचानक Pakistan पहुंचे ईरान के राष्ट्रपति रईसी
दोनों राष्ट्रों द्वारा प्रतिद्वंद्वी भूमि पर सीमा पार हवाई हमले करने के महीनों बाद ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने सोमवार को पड़ोसी राष्ट्र पाक की अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर पहुंच चुके हैं. रायसी की पाक यात्रा तब हो रही है जब इस महीने ईरान द्वारा इजराइल के विरुद्ध जवाबी धावा प्रारम्भ करने के बाद मध्य पूर्व में तनाव बढ़ा हुआ है. विदेश कार्यालय के एक बयान के अनुसार, ईरानी राष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी और एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल होगा जिसमें विदेश मंत्री और कैबिनेट के अन्य सदस्य, वरिष्ठ अधिकारी और एक बड़ा व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल शामिल होगा.
आधिकारिक बयान में यह भी बोला गया है कि 22 से 24 अप्रैल तक रायसी की यात्रा फरवरी 2024 में आम चुनाव के बाद किसी भी देश प्रमुख की पाक की पहली यात्रा होगी. यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति रायसी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ, सीनेट के अध्यक्ष सैयद यूसुफ रजा गिलानी और नेशनल असेंबली के अध्यक्ष सरदार सादिक से मुलाकात करेंगे. वह लाहौर और कराची भी जाएंगे और प्रांतीय नेतृत्व से मुलाकात करेंगे.
रायसी की पाक यात्रा के मायने
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी की पाक यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब उनके राष्ट्र और इजराइल के बीच तनाव बढ़ा हुआ है. इजराइल ने ईरान के इस्फ़हान प्रांत पर हवाई हमले किए जहां विस्फोटों की खबरें थीं. यह पिछले सप्ताहांत में इज़राइल के विरुद्ध ईरान के अभूतपूर्व ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद हुआ. दमिश्क में एक ईरानी राजनयिक मिशन पर कथित इजरायली हमले के बाद जैसे को तैसा वाली सेना कार्रवाई ने अंतरराष्ट्रीय चिंताएं बढ़ा दी थीं. रायसी की इस्लामाबाद यात्रा का उद्देश्य मध्य पूर्व में अशांति के बीच दोनों राष्ट्रों के बीच संबंधों को मजबूत करना है. रायसी और शरीफ आतंकवाद के साझा खतरे से निपटने के लिए क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय विकास और द्विपक्षीय योगदान पर भी चर्चा करेंगे.ईरान के आधिकारिक बयान में बोला गया है कि इस यात्रा का उद्देश्य दोनों राष्ट्रों के बीच संबंधों को मजबूत करना है, ऐसे समय में जब ईरान इजरायल के विरुद्ध ड्रोन धावा करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिबंधों का सामना कर रहा है. रायसी उन महीनों के बाद पाक का दौरा कर रहे हैं, जब जनवरी में अशांत बलूचिस्तान प्रांत में कथित आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले करके तेहरान ने इस्लामाबाद को चौंका दिया था, जिससे दोनों पड़ोसियों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को झटका लगा था.