अंतर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान और कनाडा में 20 से ज्‍यादा खूंखार आतंकवादी मारे गए रहस्यमय तरीके से…

 पिछले दो सालों में पाक और कनाडा

में 20 से ज्‍यादा खूंखार आतंकी रहस्यमय ढंग से मारे गए, जो हिंदुस्तान की
मोस्ट वांटेड सूची में शामिल थे.
मारे गए सभी लोग लश्कर-ए-तैयबा
(एलईटी), हिजबुल मुजाहिदीन, जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और प्रतिबंधित खालिस्तान
टाइगर फोर्स जैसे आतंकवादी संगठनों से जुड़े थे.
हालांकि पाकिस्तान
अपनी धरती पर आतंकियों को पनाह देने की बात से इनकार करता रहा है, मगर
इन व्यक्तियों की मर्डर ने इस्लामाबाद के असत्य को खुलासा किया. इन व्यक्तियों
में से कई हिंदुस्तान में आतंकी हमलों में शामिल थे.

जैसे-जैसे ये
आतंकवादी हत्यारों की गोलियों का शिकार होते गए, विभिन्न हलकों में सवाल
उठने लगे कि पाकिस्तानी और कनाडाई धरती पर हिंदुस्तान के दुश्मनों को किसने मारा.क्या
भारत के सर्वाधिक वांछित आतंकियों को मार गिराने के पीछे भारतीय गुप्त
एजेंट हैं, जैसा कि हाल ही में ब्रिटेन के विश्‍व के प्रमुख दैनिक द
गार्जियन ने अज्ञात भारतीय और पाकिस्तानी खुफिया संचालकों के हवाले से एक
रिपोर्ट में दावा किया है?लंदन स्थित अखबार ने कहा कि हिंदुस्तान सरकार
ने “विदेशी धरती पर आतंकियों को समाप्त करने की एक व्यापक रणनीति के
हिस्से के रूप में” पाक में हत्याओं का आदेश दिया.विदेश
मंत्रालय (एमईए) ने यूके अखबार के पहले के बयान को दोहराते हुए दावों का
खंडन किया है कि वे “झूठे और दुर्भावनापूर्ण हिंदुस्तान विरोधी प्रचार” थे.लेकिन
रिपोर्ट ने पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए गवर्नमेंट की इस
छवि को पुख्‍ता किया है कि हिंदुस्तान की मौजूदा गवर्नमेंट का पाक या विदेश में
किसी अन्य सुरक्षित पनाहगाह से पनपे आतंकवाद के प्रति शून्य-सहिष्णुता
(जीरो टॉलरेंस) का दृष्टिकोण है.द गार्जियन की “खुलासा” रिपोर्ट
महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के उस बयान के करीब है, जिसमें
उन्होंने बिहार में एक रैली में बोला था, “आज का हिंदुस्तान घर में घुस के मरता
है”. इस रिपोर्ट से प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि और पुख्‍ता हुई है.जैसा कि द
गार्जियन की रिपोर्ट में आतंकवाद के प्रति हिंदुस्तान के निडर दृष्टिकोण पर
प्रकाश डाला गया है, आंतरिक और बाहरी सुरक्षा जानकार बता रहे हैं कि
पिछले दो सालों में हिंदुस्तान की सर्वाधिक वांछित सूची में शामिल आतंकवादियों
को पाक और कनाडा में एक-एक करके कैसे मार दिया गया. पिछले साल
नवंबर के पहले पखवाड़े के भीतर पाक में लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद के
तीन आतंकियों को मार गिराया गया था. सुरक्षा अधिकारी मर्डर के प्रत्येक
मामले में एक ही पैटर्न देखते हैं : “मोटरसाइकिलों पर सवार अज्ञात
हथियारबंद लोगों ने हिंदुस्तान में आतंक फैलाने के आरोपी आतंकियों की एक के
बाद एक हत्याएं कीं.“ख्वाजा शाहिद उर्फ मियां मुजाहिद का किडनैपिंग कर
लिया गया था और बाद में 5 नवंबर, 2023 को पाक के कब्जे वाले कश्मीर
में नियंत्रण रेखा के पास उसका सिर कलम कर दिया गया था. वह लश्कर-ए-तैयबा
का आतंकी था और सुंजुवान में इंडियन आर्मी शिविर पर 2018 के आतंकवादी हमले
के मास्टरमाइंड में से एक था. उसने सात लोगों की जान ले ली थी.9 नवंबर, 2023 को खैबर पख्तूनख्वा के बाजौर जिले में लश्कर आतंकी अकरम खान उर्फ ​​अकरम गाजी की गोली मारकर मर्डर कर दी गई.इसी
तरह, मौलाना मसूद अजहर के करीबी सहयोगी जेईएम आतंकी रहीम उल्लाह तारिक
की 13 नवंबर, 2023 को अज्ञात लोगों ने कराची में गोली मारकर मर्डर कर दी
थी.1999 में अफगानिस्तान के कंधार में भारतीय विमान आईसी-814 के
अपहरण में शामिल आतंकी जहूर मिस्त्री 1 मार्च, 2022 को पाक में
मारा गया था. उसे कराची की अख्तर कॉलोनी में दो बाइक सवार हमलावरों ने मार
डाला था.सुरक्षा जानकारों का बोलना है कि मिस्त्री के जनाजे में
मसूद अजहर के नेतृत्व वाले आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष नेता शामिल
हुए थे. 1999 में जब आईसी-814 का किडनैपिंग किया गया था, उस समय हिंदुस्तान सरकार
द्वारा रिहा किए गए तीन आतंकियों में से एक अजहर भी था. बोला जाता है कि
गोली लगने से पहले मिस्त्री कई सालों तक जाहिद अखुंद के रूप में गलत पहचान
बनाकर रह रहा था.पाकिस्तान ने इस मर्डर के लिए भारतीय खुफिया
अधिकारियों को गुनेहगार ठहराया था और इल्जाम लगाया था कि नयी दिल्ली ने इस कृत्य
के लिए हत्यारों को काम पर रखा था.इसी तरह, हिंदुस्तान के एक अन्य मोस्ट
वांटेड आतंकी शाहिद लतीफ की अक्टूबर 2023 में पाक के सियालकोट में
अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर मर्डर कर दी थी. लतीफ 2016 के पठानकोट
आतंकी हमले में एक प्रमुख साजिशकर्ता था. इस हमले में सात सुरक्षाकर्मी
मारे गए थे. लतीफ की मर्डर एक मस्जिद के अंदर की गई थी.उसकी हत्या
करने के बाद बंदूकधारी मोटरसाइकिल पर सवार होकर मौके से भाग गए. लतीफ की
हत्या पाक में मारे गए आतंकियों की सूची में एक और महत्वपूर्ण
वृद्धि थी.उनमें से एक मुफ़्ती क़ैसर फ़ारूक था, जिसे कराची में
अज्ञात लोगों ने गोली मार दी थी. अक्टूबर 2023 में कराची के समानाबाद इलाके
में एक धार्मिक संस्थान के पास उसे गोली मार दी गई थी.फारूक लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य था और उसके प्रमुख और 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का सहयोगी था.सितंबर
2023 में जियाउर रहमान, जो लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य था, कराची में मारा
गया. दो मोटरसाइकिलों पर सवार अज्ञात बंदूकधारियों ने उसे निशाना बनाकर कई
गोलियां चलाईं.रहमान जब एक शाम सैर पर था, उसी समय उसे गोली मार दी गई.इस
लश्कर ऑपरेटिव की मर्डर एकदम खालिस्तान कमांडो फोर्स के चीफ परमजीत
सिंह पंजवार की मर्डर की तरह थी. हिंदुस्तान को आतंकवाद के मुद्दे में पंजवार की
भी तलाश थी.पंजवार की मई 2023 में उस समय गोली मारकर मर्डर कर दी गई, जब वह लाहौर में अपने आवास के पास सुबह की सैर के लिए निकला था.भारत
के मोस्‍ट वांटेड आतंकियों में से एक हिजबुल कमांडर बशीर अहमद पीर उर्फ
इम्तियाज आलम को 20 फरवरी, 2023 को रावलपिंडी में एक दुकान के बाहर अज्ञात
बंदूकधारियों ने मार डाला.पीर की मर्डर के दो सप्ताह बाद एनआईए ने
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में उसकी संपत्ति कुर्क कर ली थी.
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को भेजने और घुसपैठ के लिए रसद का इंतजाम
करने वाले पीर को पिछले वर्ष अक्टूबर में गवर्नमेंट द्वारा आतंकी के रूप में
नामित किया गया था. वह पाक में हिजबुल का लॉन्चिंग चीफ था.सलीम
रहमानी एक अन्य आतंकी था, जिसे जनवरी 2022 में अज्ञात बंदूकधारियों ने
गोली मार दी थी. हिंदुस्तान को भी उसकी आतंकी के रूप में तलाश थी.एक
अन्य जरूरी घटनाक्रम में अज्ञात बंदूकधारियों ने सितंबर 2023 में
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के रावलकोट में अल-कुदुस मस्जिद के अंदर
लश्कर-ए-तैयबा के एक शीर्ष आतंकी कमांडर रियाज अहमद उर्फ अबू कासिम की
गोली मारकर मर्डर कर दी.वह कोटली से इबादत करने आया था, तभी उसके
सिर में निकट से गोली मार दी गई. वह 1 जनवरी, 2023 को ढांगरी आतंकवादी हमले
के पीछे मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक था.राजौरी जिले के ढांगरी गांव में आतंकियों के हमले और ताबड़तोड़ गोलीबारी में करीब सात लोगों की मृत्यु हो गई थी.2023 में सीमा पार से किसी शीर्ष आतंकी कमांडर की यह चौथी मर्डर थी.जमात-उद-दावा के मुल्ला सरदार हुसैन अरैन की अगस्त 2023 में सिंध के नवाब शाह जिले में गोली मारकर मर्डर कर दी गई थी.पाकिस्तान
में इन हत्याओं के बीच विश्‍व का ध्यान ओटावा पर भी केंद्रित हो गया,
क्योंकि कनाडा की धरती पर खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की
हत्या कर दी गई. पीएम जस्टिन ट्रूडो ने उसकी मर्डर में हिंदुस्तान की
भूमिका होने का शक जताया था, जिस कारण हिंदुस्तान और कनाडा के बीच बड़े पैमाने
पर राजनयिक विवाद प्रारम्भ हो गया.

 

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