सैयद सलाउद्दीन को एक बार फिर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद में किया गया स्पॉट
हिज्बुल मुजाहिद्दीन चीफ और ग्लोबल टेररिस्ट सैयद सलाउद्दीन को एक बार फिर पाक अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद में स्पॉट किया गया है. सैयद सलाउद्दीन मुजफ्फराबाद मे उस समय नजर आया जब वह 20 अप्रैल 2024 को एक जलसे में शामिल होने के लिए यहां पहुंचा था. इससे पहले भी हिंदुस्तान के इस मोस्ट वांटेड आतंकवादी को पाक में ही देखा गया था. बीते वर्ष फरवरी में सैयद सलाउद्दीन को पाक में उस समय स्पॉट किया गया थी जब वह पाक गवर्नमेंट से मिली सुरक्षा के बीच लाहौर में एक जनाजे में शामिल हुआ. यह जनाजा हिजबुल आतंकवादी बशीर अहमद पीर का था.
NIA की मोस्ट वांटेड लिस्ट में है सलाउद्दीन
बता दें कि, सैयद सलाउद्दीन यूनाइटेड जिहाद काउंसिल का भी प्रमुख है. यूनाइटेड जिहाद काउंसिल आईएसआई की ओर से प्रायोजित जिहादी आतंकी समूहों में से एक है. इस आतंकवादी संगठन का मकसद जम्मू और कश्मीर को पाक में विलय करने का है. सलाउद्दीन हिंदुस्तान की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल है और अमेरिकी विदेश विभाग ने भी उसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी की सूची में डाला है.
कौन है सैयद सलाउद्दीन
सैयद सलाउद्दीन 1990 से पहले कश्मीर में यूसुफ शाह के नाम से जाना जाता था और उसने साल 1987 में मुसलमान यूनाइटेड फ्रंट के टिकट पर जम्मू और कश्मीर में विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था. 5 नवंबर 1990 को यूसुफ शाह, सैयद सलाउद्दीन बन गया. सीमा पार कर पीओके के मुजफ्फराबाद पहुंचा और फिर हिजबुल मुजाहिदीन नाम का संगठन बनाकर जम्मू और कश्मीर में आंतकवादी गतिविधियां संचालित करने लगा.
आतंकी हमलों में रहा शामिल
सैयद सलाउद्दीन हिंदुस्तान में कई आतंकवादी हमलों में शामिल रहा है. पठानकोट एयरबेस पर हमले के पीछे उसके संगठन यूनाइडेट जिहाद काउंसिल का ही हाथ था. जैश-ए-मोहम्मद भी सैयद सलाउद्दीन के संगठन का ही हिस्सा है. एक समय था जब कश्मीर के ज्यादातर आतंकवादी हिज्बुल मुजाहिद्दीन से ही जुड़े हुए थे. कश्मीर में अत्याचार के पीछ इसी संगठन का सबसे बड़ा हाथ रहा है.