अंतर्राष्ट्रीय

चीन में न्यूक्लियर टेस्ट करने की तैयारी का मिल रहा संकेत

अमेरिका को भिड़न्त देने और दबदबा बनाने की प्रयास में चीन अपनी सेना शक्ति को बढ़ाने में जुटा रहता है. इसी कड़ी में चीन में शिंजियान ऑटोनॉमस रीजन के Lop Nur में न्यूक्लियर टेस्ट करने की तैयारी का संकेत मिल रहा है. सैटेलाइट इमेजेज से यह पता चल रहा है कि यह टेस्ट जल्द किया जा सकता है.

New York Times में प्रकाशित एक रिपोर्ट में इन सैटेलाइट इमेजेज के हवाले से यह जानकारी दी गई है. चीन  की न्यूक्लियर टेस्ट की तैयारी का प्रमाण जियोस्पैटियल इंटेलिजेंस एक्सपर्ट Renny Babiarz ने मौजूद कराया है. अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के पूर्व एनालिस्ट Babiarz ने कई सालों तक चीन के Lop Nur टेस्ट एरिया की सैटेलाइट इमेजेज की स्टडी की है. इस एरिया में चीन ने अक्टूबर, 1964 में अपना पहला न्यूक्लियर टेस्ट किया था.

इस रिपोर्ट में बोला गया है, “चीन की यह एक्टिविटी अमेरिका के साथ उसके संबंधों के नाजुक दौर में हो रही है. प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने पिछले महीने चीन के प्रमुख नेता Xi Xinping के साथ मीटिंग में बोला था कि वह इन संबंधों को मजबूत करने का कोशिश कर रहे हैं.” हालांकि, चीन ने इस रिपोर्ट को गलत कहा है. उसका बोलना था कि इसका कोई आधार नहीं है. पिछले कुछ सालों में Lop Nur की सैटेलाइट इमेजेज से इस एरिया में कई परिवर्तन होते दिखे हैं. New York Times की रिपोर्ट के अनुसार, “कुछ साल पहले तक यह कुछ पुरानी इमारतों वाली साइट थी लेकिन अब वहां एक आधुनिक कॉम्प्लेक्स बन गया है जिसके चारों ओर सुरक्षा का घेरा है.

इन सैटेलाइट इमेजेज में इस एरिया में नए एयरबेस के कंस्ट्रक्शन का भी पता चला है. इसके अतिरिक्त लगभग 90 फीट ऊंचा एक ड्रिलिंग रिग भी उपस्थित है. Middlebury Institute of International Studies की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के अपनी मिसाइल की ताकत बढ़ाने से इसके न्यूक्लियर वेपन्स की ओर बढ़ने का संकेत मिल रहा है. इसके पास एक दशक से कुछ पहले तक लगभग 50 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें थी. यह अगले कुछ सालों में इसकी संख्या बढ़ाकर 1,000 से अधिक मिसाइलों की करने की तैयारी में है. इनमें से लगभग आधी मिसाइलें न्यूक्लियर क्षमता वाले लॉन्चर के साथ हो सकती हैं.

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