अनुष्ठान के समापन पर गायत्री परिजनों ने किया हवन यज्ञ
गढ़वा अखिल विश्व गायत्री परिवार की ओर से नवमी तिथि को चैत्र नवरात्रि के अवसर पर आयोजित नौ दिवसीय गायत्री अनुष्ठान की पूर्णाहुति की गई. अनुष्ठान के समाप्ति पर गायत्री परिजनों ने हवन यज्ञ किया. इसके बाद कुमारी कन्याओं का पूजन किया गया. जिला मुख्यालय स्थित कल्याणपुर शक्तिपीठ और निमियां जगह प्रज्ञा केंद्र दोनों ही जगहों पर हवन यज्ञ और कन्या पूजन का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम का समाप्ति महाप्रसाद वितरण के साथ किया गया. मौके पर वक्ताओं ने गायत्री अनुष्ठान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बोला कि गायत्री अनुष्ठान से महिला-पुरूष को असीम उर्जा की प्राप्ति होती है. साधक का आत्मविश्वास बढ़ता है और उसके अंदर के सारे दोष-दुगुर्णों को नाश होता है. वक्ताओं ने बोला कि गायत्री को कामधेनु बोला गया है. अर्थात साधक के सभी इच्छा पूरा होती है. अनुष्ठान के समय किया गया आहार धैर्य से साधक का शरीर सही होता है. इसलिए सभी महिला-पुरूष को दोनों नवरात्रि करनी चाहिए. मौके पर जिला समन्वयक विनोद पाठक, प्रखंड समन्वयक अखिलेश कुशवाहा, आयुष डॉक्टर डॉ जेपी ठाकुर, मनोज मिश्रा, ट्रस्टी मिथिलेश कुशवाहा, अनिल विश्वकर्मा, बीएड कॉलेज के प्राध्यापक संत कुमार, विनोद प्रसाद, गौतम विश्वकर्मा, ध्रुव कुमार, अंकित दुबे, शोभा पाठक, सुनंदा दुबे, उर्मिला देवी, शकुंतला देवी, सुषमा ठाकुर, शांति देवी सहित काफी संख्या में महिला-पुरुष मौजूद थे. मीडिया न्यूज | बिशुनपुरा मुख्यालय में रामनवमी पर्व के अवसर पर भव्य जुलूस निकाला गया. जुलूस में श्री राम कमेटी बिशुनपुरा, बजरंग अखाड़ा महुली, न्यू यंग मैन ग्रुप बिशुनपुरा, श्रीराम सेना पोखरा चौक, जय भवानी संग कमता, पिपरी के सैकड़ोें सदस्य शामिल हुए. जुलूस पोखरा चौक हनुमान मंदिर से चलकर गढ़ मुहाल, पुरानी बाजार होते हुए गांधी चौक पर पहुंचा, जहां विभिन्न गांव से आए अखाड़ा और कमेटी के महाबीरी झंडा का मिलान किया गया. उसके बाद पुनः जुलूस गांधी चौक से चलकर चकचक मोड़, अपर बाजार, लालचौक, थाना मोड़ होते हुए पुनः वापस लालचौक, पोखरा चौक पहुंच कर खत्म हो गया. रामनवमी के जुलूस में पूरे रास्ते जय श्रीराम, जय हनुमान के जयकारे से क्षेत्र गुंजायमान हो उठा था. जुलूस में आए लोग जगह-जगह पारंपरिक अस्त्र-शस्त्र और लाठी से करतब दिखाते चल रहे थे. जुलूस को लेकर राम भक्तों के लिए गांधी चौक पर बिशुनपुरा व्यवसायी संघ द्वारा शरबत एवं लड्डू की प्रबंध की गई थी. साथ ही कमेटी के सदस्य एवं प्रशासनिक ऑफिसरों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया.