झारखण्ड

झारखंड में जारी मैट्रिक रिजल्ट में बेटियों ने सफलता का परचम लहराते हुए टॉप 5 सूची में बनाई जगह

रांची झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) द्वारा जारी मैट्रिक परिणाम में राज्य की बेटियों ने कामयाबी का परचम लहराते हुए टॉप 5 सूची में स्थान बनाई है इसमें हजारीबाग के इंदिरा गांधी बालिका उच्च विद्यालय की छात्रा ज्योत्सना ज्योति ने 496 अंकों के साथ स्टेट टॉपर, सना सजूरी ने 493 अंकों के साथ सेकेंड स्टेट टॉपर, करिश्मा कुमारी ने 492 अंकों के साथ स्टेट थर्ड टॉपर और सृष्टि सौम्या एवं उर्सुलाइन कॉन्वेंट गर्ल्स उच्च विद्यालय रांची की छात्रा प्रतिभा महतो ने टॉप 5 में स्थान बनाई है इन्हीं में से किसान की बेटी करिश्मा ने कड़ी मेहनत से मुकाम हासिल किया है खास वार्ता में उन्होंने अपनी कामयाबी का राज भी बताया

बेहतर परिणाम के लिए हॉस्टल में देर रात तक पढ़ाई
Local 18 से विशेष वार्ता में राज्य की तीसरी टॉपर करिश्मा कुमारी ने कहा कि उन्हें संस्कृत में 97 अंक, अंग्रेजी में 98 अंक, गणित में 98 अंक, साइंस में 100 अंक और म्यूजिक में 99 अंक मिले हैं उन्हें कुल 492 अंक मिले हैं उनको 98.40 फीसदी प्राप्त हुए हैं आगे कहा कि सकारात्मक सोच के साथ वह विद्यालय के हॉस्टल में सेल्फ स्टडी पर विशेष ध्यान देती थी विद्यालय में शिक्षकों के मार्गदर्शन के उपरांत हॉस्टल में देर रात 2 बजे तक पढ़ाई करती थी जिला प्रशासन द्वारा आयोजित प्रोजेक्ट रेल के अनुसार आकलन टेस्ट से तैयारी करने में काफी सहायता मिली है

बेहतर प्रदर्शन के लिए शिक्षक करते थे प्रेरित
करिश्मा ने कहा कि वह धनबाद के झरिया प्रखंड की रहने वाली हैं साल 2020 में एंट्रेंस एग्जाम के माध्यम से उनका चयन इंदिरा गांधी बालिका उच्च विद्यालय हजारीबाग में कक्षा सातवीं में हुआ था विद्यालय के शिक्षक पढ़ाई के साथ हमेशा से लड़कियों को शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर समाज में बेहतर संदेश देकर मिसाल कायम करने के लिए प्रेरित करते थे करिश्मा ने कहा कि वह अपने शिक्षकों और किसान पिता के चेहरे पर कामयाबी की खुशी देखने के लिए बोर्ड की परीक्षा की तैयारी में कड़ी मेहनत की थी

एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनने का सपना
करिश्मा ने कहा कि 12वीं के बाद उनका सपना आईआईटी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने का है हालांकि, बचपन से उनका सपना फाइटर पायलट बनने का था लेकिन शारीरिक अर्हता पूरी नहीं होने की वजह से वह अब एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनकर राष्ट्र सेवा करना चाहती हैं कहा कि इस क्षेत्र में काफी कम संख्या में बेटियां अपना करियर चयन करती हैं, लेकिन वह एक सफल एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनकर समाज को यह संदेश देने का काम करेंगी कि अब बेटियां भी बेटों से कम नहीं हैं

पिता गांव मे किसान, बेटा-बेटी में नहीं किया फर्क
करिश्मा ने कहा कि दो भाई बहनों में वह दूसरे नंबर पर हैं उनके बड़े भाई कोटा में रहकर नीट मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं वहीं, करिश्मा भी अभी कोटा में रहकर आईआईटी एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कर रही हैं छोटा भाई कक्षा 9वीं में पढ़ाई कर रहा है उन्होंने कहा कि उनके पिता रविंद्र यादव किसान हैं, जबकि माता सरोज देवी गृहणी हैं उनके माता-पिता ने कभी बेटा-बेटी में फर्क नहीं किया प्रारम्भ से ही उनके बेहतर शिक्षा और परवरिश पर परिजनों ने एक समान ध्यान दिया

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