खानुआ में ड्राई डे पर खुलेआम बेची शराब, थानाधिकारी बोले…
रूपवास गांव खानुआ में शराब का सरकारी ठेका है. उस शराब के ठेके पर सेल्समैन ने रविवार को दिनभर ड्राई डे होने के बावजूद भी शटर गिराकर एक कोने में से निकालकर दुकान के बाहर चारपाई बिछाकर खुलेआम शराब बेची. वही गहनोली मोड़ थानाधिकारी उदयचंद मीणा से जब बात की. तो बेतुका बयान देते हुए बोला कि बिक रही है. तो बिकने दो आपको क्या कठिनाई है. यानी थानाधिकारी को यह नही पता कि महावीर जयंती है और महावीर जयंती पर शराब और मीट की दुकानें पूर्णतया बंद रहती है. जानकारी के मुताबिक खानुआ में बाईपास स्थित चंबल परियोजना की पाइप लाइन के सहारे गांव से दूर बनी सड़क किनारे शराब का सरकारी ठेका है. जिस पर रविवार को महावीर जयंती का अवकाश होने के बाद भी सेल्समैन खुलेआम शराब की बिक्री कर रहा था.
इस थानाधिकारी ने भी शराब माफियाओं की तरफदारी करते हुए बिक रही है तो बिकने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया. यानी उसे पता ही नही था कि ड्राई डे पर शराब की बिक्री करना कानूनन अपराध है. इस पर भारी पेनल्टी के साथ साथ दुकान का लाइसेंस भी रद्द हो सकता है. वैसे पुलिस और आबकारी विभाग की मिलीभगत से प्रतिदिन क्षेत्र में 24 घन्टे शराब की बिक्री होती है.
सरकारी शराब की दुकानों के बगल में केंटीन खोलकर ठेकेदार के आदमी शराब बेचने का काम करते हैं. वही सर्किल के नाम पर गांव गांव में और खोखाओ पर खुलेआम बिकती है. जब पुलिस को केसों की जरूरत होती है. तो ठेकेदार से कहकर आदमी और शराब की पेटी मंगवा लेते हैं और 60 से 70 पब्बा देशी शराब का केस बनवाकर पुलिस का रिकॉर्ड, टारगेट और एक्ट की पूर्ति कर देते हैं. वही 60 से 70 पब्बे का केस दर्ज इसलिए करते हैं इसमें सरलता से कोर्ट में उसी दिन आरोपी की जमानत हो जाती है.
करीब 2 वर्ष पहले इसी खानुआ ठेके पर गैरकानूनी रूप से सेवर क्षेत्र से आती शराब की पिकअप को भी रूपवास थाना पुलिस ने पकड़ा था. जब भी ठेकेदार गिड़गिड़ाता हुआ बच निकला और ड्राइवर पर केस दाखिल कर लिया. तब भी ड्राइवर के परिजनों ने काफी हो हल्ला मचाय था. लेकिन पुलिस ने मुद्दे को दबाते हुए ठेकेदार को बचा लिया. इसी कारण शराब माफियाओं सेल्समैन और ठेकेदारों के हौसले बुलंद हैं.