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LokSabhaElections2024 : ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर उठे सवाल

नईदिल्ली. इलेक्टोरल बॉन्ड, पीएम केयर्स फंड जैसे कानूनी करप्शन के जनक नरेंद्र मोदी की गवर्नमेंट को बर्खास्त करके उच्चतम न्यायालय की नज़र में लोकसभा चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण हैं कि यह चुनाव अविश्वसनीय ईवीएम से हो रहे हैं.
याद रहे, 15 फ़रवरी 2024 को उच्चतम न्यायालय ने इलेक्टोरल बॉन्ड को गैरकानूनी करार दिया था, इसके बाद नरेंद्र मोदी को एक क्षण भी पीएम के पद पर बने रहने का अधिकार नहीं था? इलेक्टोरल बॉन्ड जैसा ही हाल पीएम केयर्स फंड का है, जिसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा रही है, जबकि जनता के एक-एक पैसे की जानकारी मोदी गवर्नमेंट मांगती रही है.

 


उधर, ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर भी लगातार प्रश्न उठते रहे हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 बैलेट पेपर के बजाए विवादास्पद ईवीएम से हो रहे हैं. आश्चर्यजनक बात यह है कि ईवीएम की विश्वसनीयता चुनाव आयोग को साबित करनी है, जबकि जिन्हें ईवीएम को छूने का भी अधिकार नहीं है, उनसे साबित करने के लिए बोला जा रहा है.
ऐसा बोला जा रहा है कि ईवीएम को बाहर से नियंत्रित नहीं किया जा सकता है, लेकिन बड़ा प्रश्न यह है कि बाहरी संपर्क के बगैर ईवीएम समय और दिनांक कैसे ठीक बता रही है. इसी तरह कैलकुलेटर की तरह वोटों की गणना का फार्मूला सेट कर दिया जाए, तो रिज़ल्ट बदले जा सकते हैं.
वोटों की गणना का फार्मूला कोई भी आदमी बगैर मशीन को जांचे कैसे पता कर सकता है.
कितने आश्चर्य की बात है कि जो एसबीआई इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने के लिए चुनाव के बाद तक का समय मांग रही थी, उसने उच्चतम न्यायालय की कठोरता के बाद 21 मार्च 2024 को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया है कि- उसने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा सारा डेटा चुनाव आयोग को दे दिया है.
मतलब…. एसबीआई चुनाव से पहले यह डेटा नहीं देना चाह रही थी, क्यों और किसको बचाने के लिए?
खबरों की मानें तो उच्चतम न्यायालय के 18 मार्च 2024 को दिए आदेशानुसार, एसबीआई ने जो ज़रूरी जानकारियां चुनाव आयोग को दी हैं उनमें बॉन्ड खरीदने वालों के नाम, बॉन्ड कितने मूल्य का है और उसका नंबर, बॉन्ड को भुनाने वाली पार्टी का नाम, सियासी दलों के बैंक खातों के आखि़री चार अंक, कितने बॉन्ड भुनाए गए और इसका मूल्य कहा गया है.
मजेदार बात यह है कि कानूनी करप्शन के मोदी मॉडल- इलेक्टोरल बॉन्ड, बगैर पहचान बताए किसी सियासी दल को चंदा देने की सीक्रेट प्रबंध थी और ऐसे बॉन्ड को बेचने के लिए एसबीआई अधिकृत थी. इस करप्ट प्रबंध को वित्त अधिनियम 2017 के ज़रिए लागू किया गया था.
विश्व में भारतीय प्रजातंत्र की सर्वश्रेष्ठ साख है, इसे बचाने और बनाए रखने के लिए कानूनी करप्शन के जनक नरेंद्र मोदी की गवर्नमेंट को बर्खास्त करने और उच्चतम न्यायालय की नज़र में चुनाव जरूरी हैं!
Prashant Bhushan @pbhushan1
खुद देख लीजिए, किस तरह से, ईवीएम, और वीवीपैट मशीनों में छेड़छाड़ हो सकती है सिंबल लोडिंग के समय जो प्रोग्राम डाला जाता है, उस समय, इस तरह से किया जा सकता है. इसीलिए अधिक राष्ट्र और बांग्लादेश भी वापस पेपर वॉलेट की तरफ चले गए.
पहले बीजेपी के लोग भी पेपर बैलट की मांग करते थे, अब सत्ता में आने के बाद क्यों बदल गए? वीवीपैट मशीन का कांच काला क्यों कर दिया?

Kunal Shukla @kunal492001
#RTI
कभी प्रश्नात्मक नहीं लगाया जाता!
अगर आप ये प्रश्न पूछेंगे आदर्श आचार संहिता में पीएम वायुसेना के हेलीकॉप्टर में क्यों घूम रहे हैं? कैसे घूम रहे हैं तो उत्तर नहीं आएगा, तरीका यह है…
10/- का #RTI लगा कर पूछिये “प्रधानमंत्री द्वारा आचारसंहिता में वायुसेना का हेलीकॉप्टर जिन नियमों तथा आदेश के अनुसार इस्तेमाल किया जा रहा है उन नियमों तथा आदेश की सत्यापित छायाप्रति प्रदान करें” विश्वास मानिए ये मुंह छुपाते हुए भागे भागे फिरेंगे?
Gurpreet Garry Walia @garrywalia_
संदीप चौधरी ABP का विज्ञापन बंद करवाये बिना रुकेंगे नहीं, फायर है फ्लावर नहीं….
INDIAN @_Sweet_Parul_
मोदी गवर्नमेंट ने राष्ट्र को बनाया कर्जदार, GDP के 81% ऋण में डूबा देश….
MANJUL @MANJULtoons
एसबीआई जिस जानकारी को देने के लिए 136 दिन मांग रहा था, वो सारी जानकारी 10-15 दिन के अन्दर निकल आई!
सवाल ये है कि यदि ये जानकारी मौजूद थी तो 136 दिन क्यों मांगे जा रहे थे? किसके इशारे पर उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन नही किया जा रहा था?
मोदी गवर्नमेंट को ऐसे लोगों पर बुलडोजर चलवाना चाहिए!
Surendra Rajput @ssrajputINC
ED और आयकर का दुरुपयोग करके बीजेपी विपक्ष को चुनाव लड़ने से रोकने की षड्यंत्र रच रही है….

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