देहरादून एक्सप्रेसवे सहित 13 मामलों में अधिकारियों से किए सवाल जबाव
यह वह बिंदु रहे दो पिछले एक दशक में विधान परिषद में विभिन्न नेताओं ने उठाए थे। इन प्रश्नों पर गवर्नमेंट की ओर से विपक्ष को भिन्न-भिन्न आश्वासन दिया गया था। गवर्नमेंट की ओर से दिया गया आश्वासन कितना ठीक है और उसपर क्या काम हुआ है, इसकी स्थिति की जानकारी लेने के लिए समिति के सदस्य यहां पहुंचे और उन्होंने सभी बिंदुओं पर ऑफिसरों से चर्चा की।
इनमें सबसे अहम बिंदु दिल्ली से गाजियाबाद, बागपत, शामली होते हुए देहरादून जाने वाले मार्ग का रहा। इस पर एनएचएआई ऑफिसरों ने अवगत कराया कि इस प्रोजेक्ट पर कार्य तेजी से चल रहा है। राजमार्ग-709 बी का कार्य नौ चरणों में किया जा रहा है। गाजियाबाद में आने वाले भाग का कार्य दूसरे चरण का है। गाजियाबाद में करीब 17 किलोमीटर के इस पैच पर 70 प्रतिशत तक काम पूरा हो चुका है। पहले निर्माण कार्य पूरा करने की प्रस्तावित तिथि सात नवंबर 2023 थी, लेकिन बारिश और अन्य धार्मिक यात्रा के कारण इसे मार्च 2024 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। बैठक में ओम प्रकाश सिंह सदस्य, वंदना वर्मा सदस्य, मुनेश कुमार अनुसचिव, विनय कुमार पाण्डेय निजी सचिव, सुनील कुमार यादव समीक्षा अधिकारी सहित जिला प्रशासन से जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे।
इन बिंदुओं पर उत्तर मांगे
समिति के सदस्यों ने मान्यता प्राप्त विद्यालयों में विद्युत कर सामान्य रेट से लिए जाने, राज्य सड़क परिवहन निगम के अनुसार कार्यरत संविदा चालकों का विनियिमित कराए जाने पर विभागों से उत्तर मांगे। इसके अतिरिक्त प्रदेश में एक अप्रैल 2005 के पूर्व नियुक्त अशासकीय सहायता प्राप्त, माध्यमित संस्कृति तथा महाविद्यालयों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों की जीपीएफ की रकम का भुगतान और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई कराए जाने के बारे में प्रश्न किए। गांव में बस सुविधा मौजूद कराने, जिला जेल में बंदियों को रखने की क्षमता, वर्तमान में कैदियों की संख्या, कोविड-19 वायरस से मौत के उपरांत परिजनों को बीमा रकम आदि के संबंध में भी पूछा।
अधिकारियों के जवाब
ज्यादातर प्रश्नों के उत्तर में में विभागीय ऑफिसरों ने शासन स्तर से कार्रवाई होने की बात कही। वहीं जिला जेल के बारे में कहा गया कि डासना कारावास में महज 1,704 बंदियों को रखने की क्षमता है लेकिन वर्तमान में 4,441 बंदी हैं। यहां गाजियाबाद के अतिरिक्त हापुड़ के कैदी भी आते हैं। लेकिन हापुड में जिला जेल के लिए जमीन चिन्हित हो चुकी है, वहां जेल बनते ही जिले के कैदी वहां शिफ्ट हो जाएंगे। कोविड-19 वारियर्स को लेकर उत्तर दिया गया कि ऐसे 24 प्रकरण सामने आए थे जिसमें से चार प्रकरणों में अब तक भुगतान हो चुका है बाकी प्रकरण शासन स्तर पर लंबित चल रहे हैं।