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जानिए, देवी दुर्गा की सरल स्टेप्स में कैसे करें पूजा

 आज (17 अप्रैल) चैत्र नवरात्रि की आखिरी तिथि नवमी और श्रीराम का प्रकट उत्सव (रामनवमी) मनाया जाएगा. त्रेतायुग में चैत्र शुक्ल नवमी पर श्रीराम का अवतार हुआ था. आज देवी दुर्गा के साथ श्रीराम की विशेष पूजा जरूर करें. उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं मनीष शर्मा के मुताबिक, घर के मंदिर में देवी दुर्गा और श्रीराम की पूजा करें. पूजा के साथ ही मंत्र जप और ध्यान भी जरूर करें. जप और ध्यान से सकारात्मकता बढ़ती है.

दुर्गा पूजा से पहले गणेश पूजन करना चाहिए. गणेश पूजा के देवी दुर्गा को जल चढ़ाएं. लाल फूल, लाल चुनरी, सिंदूर, कुमकुम, चूड़ियां और सुहाग का अन्य सामान चढ़ाएं.

कुमकुम से तिलक करें. मिठाई का भोग लगाएं. धूप-दीप जलाएं. मंत्र जप करें. देवी मंत्रों का जप कम से कम 108 बार करना चाहिए.

पूजा में देवी मंत्र दुं दुर्गायै नम:, मंत्र का जप कर सकते हैं. मंत्र जाप रुद्राक्ष की माला की सहायता से करना चाहिए.

देवी के साथ ही शिवलिंग की भी पूजा करेंगे तो बहुत शुभ रहेगा.

इन मंत्रों का कर सकते हैं जप

सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके. शरण्येत्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तु ते..

ऊँ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी. दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते..

इन मंत्रों के अतिरिक्त दुर्गा सप्तशती का पाठ भी किया जा सकता है. देवी कथाएं पढ़ और सुन सकते हैं. इस दिन किसी गौशाला में धन और हरी घास का दान करें.

ऐसे कर सकते हैं श्रीराम की आसान पूजा

रामनवमी पर श्रीराम की पूजा गणेश पूजन के साथ प्रारम्भ करें. गणेश जी के बाद श्रीराम, लक्ष्मण, सीता जी और हनुमान जी को जल-दूध चढ़ाएं. पंचामृत से अभिषेक करें. फिर सही जल से स्नान कराएं.

हार-फूल और नए वस्त्रों से रामदरबार का श्रृंगार करें. मिठाई का भोग लगाएं. धूप-दीप जलाकर आरती करें. श्रीराम के मंत्र का या राम नाम का जप करें. रामनवमी श्रीराम की कथाएं पढ़ने-सुनने की भी परंपरा है.

 

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