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24 अप्रैल से 23 मई तक रहेगा वैशाख का महीना, तीर्थ दर्शन करने की है परंपरा

आज (24 अप्रैल) से हिन्दी पंचांग का दूसरा महीना वैशाख प्रारम्भ गया है. ये महीना 23 मई तक रहेगा. वैशाख मास में गर्मी पूरे असर होती है. इस कारण इन दिनों में जल दान करने का महत्व है. इस महीने में अक्षय तृतीया (10 मई) और बुद्ध पूर्णिमा (23 मई) जैसे बड़े व्रत-पर्व आएंगे.

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं मनीष शर्मा के मुताबिक, वैशाख महीने में अपने घर के बाहर पक्षियों के लिए जल और अन्न की प्रबंध जरूर करनी चाहिए. इन दिनों में अधिकांश नदी-तालाब सूख जाते हैं, जिससे पक्षियों को पीने का पानी नहीं मिल पाता है. जानिए वैशाख मास में कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं…

  • इस महीने में हरिद्वार, वाराणसी, मथुरा, उज्जैन, ओंकारेश्वर, नासिक जैसे पवित्र तीर्थों में दर्शन पूजन करने की परंपरा है. इन तीर्थों में बहने वाली पवित्र नदियों में स्नान भी करना चाहिए. तीर्थ दर्शन और नदी में स्नान करने से नकारात्मक विचार दूर होते हैं.
  • तीर्थ यात्रा करते समय पवित्र नदियों के किनारे पर पितरों के लिए तर्पण आदि शुभ कर्म भी करना चाहिए.
  • इस महीने में शिव मंदिरों में शिवलिंग पर लगातार जलधारा से अभिषेक करना चाहिए. मंदिरों में शिवलिंग के ऊपर मिट्टी के कलश स्थापित किए जाते हैं. कलश से शिवलिंग पर लगातार गिरती हुई जल की धारा से शिव जी को शीतलता मिलती है. हमें मंदिरों में मिट्टी के कलश दान करना चाहिए.
  • जलाभिषेक करने के साथ ही शिवलिंग पर बिल्व पत्र, आंकड़े के फूल, धतूरा, इत्र, जनेऊ, हार-फूल आदि शुभ चीजें अर्पित करें. ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें. धूप-दीप जलाएं और आरती करें.
  • पीपल, नीम, बरगद और अन्य पेड़-पौधों को रोज पानी देना चाहिए. पीपल को श्रीकृष्ण का स्वरूप माना जाता है. इस वजह से इस वृक्ष की पूजा से श्रीकृष्ण की पूजा करने का पुण्य मिलता है.
  • वैशाख महीने में रोज सुबह शीघ्र उठकर स्नान करना चाहिए और सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. अर्घ्य तांबे के लोटे से दें और ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जप करें.
  • सार्वजनिक जगह जैसे मंदिर, पार्क, बस स्टेंड, रेलवे स्टेशन पर प्याऊ लगवाएं. किसी प्याऊ में मटके का दान भी कर सकते हैं.
  • जरूरतमंद लोगों को जूते-चप्पल और छाते का दान करें. सूती वस्त्रों का दान करें. गौशाला में हरी घास और गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें.
  • भगवान विष्णु, महालक्ष्मी और बाल गोपाल का रोज सुबह दूध से अभिषेक करना चाहिए. तुलसी के साथ मिठाई का भोग लगाएं.

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