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Lathmar Holi 2024: जानें क्या है लट्ठमार होली का इतिहास…

Lathmar Holi 2024: होली का त्योहार अब बस कुछ ही दिन दूर है, इस एक ऐसा त्योहार है जिसके लिए लोग काफी बेताब रहते हैं इस वर्ष होली 25 मार्च को मनाई जा रही है हिंदुस्तान में यूं तो हर स्थान भिन्न-भिन्न परंपराओं के साथ होली मनाई जाती है लेकिन इसमें से मथुरा-वृंदावन की होली सबसे प्रसिद्ध है, विदेशों से भी लोग लोग यहां का अद्भुत नजारा देखने के लिए आते हैं वहां 4 से 5 दिनों तक हर रोज भिन्न-भिन्न तरह की होली होती है जिसमें से सबसे प्रसिद्ध है लट्ठमार होली, ऐसे में आइए जानते हैं क्या है इस प्रथा का महत्व

Lathmar Holi 2024: तारीख

इस वर्ष लठमार होली 18 मार्च को बरसाना में मनाई जाएगी इस दिन खास तौर से महिलाएं मर्दों को लाठियों से मारती हुई नजर आती हैं और वो उनसे अपना बचाव करतें हैं, ये प्रथा इतनी अदभुत है कि राष्ट्र विदेश के लोग इसे देखने के लिए वृंदावन आते हैं

Lathmar Holi 2024: क्या है इतिहास ?

लट्ठमार होली के पीछे का इतिहास ये है कि प्राचीन समय में जब ईश्वर श्री कृष्ण अपने दोस्तों के साथ राधा से मिलने बरसाना और नंदगांव जाते थे तो वे राधा और उनकी गोपियों के चेहरे पर रंग लगा देते थे जिसके बाद वो उन्हें लाठियों से मारती थी इसलिए तब से लेकर अब तक लट्ठमार होली की प्रथा काफी प्रचलित है इस दिन लोग जान बूझ कर स्त्रियों को तंग करते हैं और फिर उनसे लाठियों से मार खाते हैं और जो लोग पकड़े जाते हैं वो स्त्रियों के तरह वस्त्र धारण कर के सब के सामने नृत्य करते भी नजर आते हैं ये प्रथा खास तौर से नंदगांव और बरसाना के लोगों के बीच प्रसिद्ध है हालांकि इस खास दिन पर लोग केवल लाठियों से खेलने के अतिरिक्त रंगों से भी खेलते हैं और नृत्य गीत के साथ होली के त्योहार का लुत्फ उठाते हैं

Lathmar Holi 2024: क्या है महत्व

लट्ठमार होली पूरे मथुरा वृंदावन में बहुत प्रसिद्ध है दरअसल वहां के लोग ईश्वर श्री कृष्ण के बड़े भक्त होते हैं और उस समय की सारी प्रथाओं को आज भी बरकरार रखते हैं, उनकी ये मान्यता है कि उनके प्रभु ने जो जो चीजें प्रारम्भ की थी उनका प्रचलन हमेशा चलता रहेगा और वो उनके आदेशों का सदा पालन करेंगे इस दिन कई लोग श्री कृष्ण की तरह भी तैयार होते हैं और अधिकांश महिलाएं गोपियों की तरह सज संवरकर बड़ी लाठियों के साथ इस दिन इस खास प्रथा को निभाती हैं

 

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