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Surya Grahan 2024: जानें क्यों लगता है सूर्य ग्रहण…

Surya Grahan 2024: सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटनाक्रम है ज्योतिषशास्त्र में सूर्य ग्रहण के शुभ और अशुभ प्रभावों के बारे में शोध किया जाता है धर्म शास्त्रों में सूर्य ग्रहण लगने का कारण राहु-केतु को कहा गया है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब देवताओं और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया, उस समय सबसे पहले हलाहल विष निकला, इसके साथ ही कई बहुमूल्य वस्तुएं भी निकलीं समुंद्र मंथन के अंतिम समय ईश्वर धन्वंतरी हाथ में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए उस अमृत कलश को पाने के लिए देवताओं और असुरों में छीना-झपटी प्रारम्भ हो गई देवता चाहते थे कि अमृत हमे मिले वहीं राक्षस चाहते थे कि अमृत का पान करके अमरत्व को प्राप्त कर लें देवताओं और राक्षसों के बीच अमृत को लेकर मची रस्साकस्सी को समाप्त करने के लिए ईश्वर विष्णु को मोहिनी रूप धारण करना पड़ा

ग्रहण क्यों लगता जानें धार्मिक मान्यता

विश्वमोहिनी के वचन सुन कर दैत्यो, दानवों और राक्षसों ने बोला कि हम सबकी आप पर पूर्ण विश्वास है आप जिस प्रकार से अमृतपान कराएंगी, हम लोग उसी प्रकार से अमृतपान कर लेंगे विश्वमोहिनी ने अमृत घट लेकर देवताओं और असुरों को भिन्न-भिन्न पंक्तियो में बैठने के लिये कहा विश्वमोहिनी ने असुरों को अपने कटाक्ष से मदहोश करते हुए देवताओं को अमृतपान कराने लगे

राहु और केतु के कारण लगता है ग्रहण

भगवान विष्णु की इस चाल को स्वरभानु नामक दानव समझ गया वह देवता का रूप बना कर देवताओं में जाकर बैठ गया और प्राप्त अमृत को मुख में डाल लिया, तभी चन्द्रमा तथा सूर्य ने खुलासा करते हुए कहा कि ये स्वरभानु दानव है इतना सुनते ही ईश्वर विष्णु ने तुरन्त अपने सुदर्शन चक्र से उसका सिर गर्दन से अलग कर दिया धार्मिक मान्यता है कि राहु और केतु ने ही सूर्य और चन्द्रमा का ग्रहण कराते हैं

जानें विज्ञान के मुताबिक क्यों लगता है ग्रहण

सूर्य ग्रहण एक तरह का ग्रहण है भौतिक विज्ञान के मुताबिक जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चन्द्रमा आ जाता है, तो चन्द्रमा के पीछे सूर्य का बिम्ब कुछ समय के लिए ढक जाता है, इसी घटना को सूर्य ग्रहण बोला जाता है पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है और चंद्रमा पृथ्वी की कभी-कभी चांद, सूरज और धरती के बीच आ जाता है फिर वह सूरज की कुछ या सारी रोशनी रोक लेता है, जिससे धरती पर साया फैल जाता है इस घटना को सूर्य ग्रहण बोला जाता है यह घटना हमेशा सर्वदा अमावस्या को ही होती है

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