कर्नाटक के दलित नेता श्रीनिवास प्रसाद कादिल का दौरा पड़ने से हुआ निधन
मैसूरु (कर्नाटक) . कर्नाटक के 76 वर्षीय प्रतिष्ठित दलित नेता श्रीनिवास प्रसाद का मृत्यु हो गया है. उन्होंने बेंगलुरु के निजी हॉस्पिटल में आखिरी सांस ली. श्रीनिवास प्रसाद का मृत्यु भाजपा के लिए अपूरणीय क्षति है. उन्होंने दक्षिण कर्नाटक में भाजपा का वर्चस्व स्थापित करने में अहम किरदार निभाई थी.
इसके अलावा, उन्होंने भाजपा के लिए शोषित वर्गों तक पहुंचने का मार्ग भी प्रशस्त किया था.
पारिवारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सोमवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से उनका मृत्यु हो गया. कई अंगों के खराब होने की वजह से वो स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे. तीन दिन पहले ही उन्हें एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.
श्रीनिवास प्रसाद के परिवार में उनकी पत्नी प्रथिमा प्रसाद और बेटियां पूर्णिमा प्रसाद और पूनम प्रसाद हैं. पूर्णिमा प्रसाद ने कहा कि उनका पार्थिव शरीर मैसूरु के जयलक्ष्मीपुरम क्षेत्र में स्थित उनके आवास पर रखा जाएगा, जहां लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे.
2019 के लोकसभा चुनाव में प्रसाद ने भाजपा को जीत दिलाने की दिशा में अहम किरदार अदा की थी. प्रसाद चामराजनगर लोकसभा सीट से 6 बार सांसद रहे. उन्होंने हाल ही में लोकसभा चुनाव से पहले राजनीति से संन्यास लेने का घोषणा किया था.
प्रसाद ने अटल बिहारी वाजपेयी की गवर्नमेंट में केंद्रीय खाद्य और नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया.
सीएम सिद्धारमैया ने बोला कि प्रसाद का मृत्यु सामाजिक इन्साफ की राजनीति के लिए गहरा झटका है. अलग सियासी दल से होने के बावजूद भी हमारे संबंध उनसे काफी मधुर रहे थे.
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बी।वाई। विजयेंद्र ने कहा, “अपने सियासी करियर के आखिरी पड़ाव पर आकर उन्होंने भाजपा का दामन थामा था और अपने सिद्धांतों, विचारधारा और राष्ट्रवाद को जनता तक पहुंचने में सहायता की. उनके मृत्यु से बहुत बड़ी क्षति हुई है.”
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