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कांग्रेस का देश की सम्पत्ति को दोबारा बाँटने का वादा है बड़ा खतरा : पीएम मोदी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक साक्षात्कार में बोला है कि कांग्रेस पार्टी का राष्ट्र की सम्पत्ति को दोबारा बाँटने का वादा बड़ा खतरा है. पीएम ने बोला है कि कांग्रेस पार्टी वक्फ जैसी संपत्तियों को छुएगी तक नहीं, जबकि अन्य समुदायों की प्रॉपर्टी को बरामद कर लेगी. उन्होंने सम्पत्ति बाँटने के विचार को नक्सली विचारधारा और राष्ट्र को तबाह करने वाला कदम करार दिया.

पीएम मोदी ने एक मीडिया संस्थान के साथ साक्षात्कार में कांग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी द्वारा राष्ट्र की सम्पत्ति के दोबारा बाँटने के वादे पर उन्होंने बोला कि, “हमें कांग्रेस पार्टी की इस खतरनाक योजना को हलके में नहीं लेना चाहिए, यह बहुत बड़ा खतरा है और हिंदुस्तान को पीछे धकेलने वाला है. यह सीधा साफ़ नक्सली विचारधारा का उदाहरण है. दुखद बात यह है कि कांग्रेस पार्टी पार्टी और इसके युवराज ऐसी विचारधारा को आगे लेकर बढ़ रहे हैं जो कि राष्ट्र को तबाह करेगी.

कांग्रेस के इस वादे पर प्रधानंमंत्री ने बोला कि, ‘हमारा संविधान अल्पसंख्यकों की सम्पत्ति को सुरक्षित करने का प्रावधान करता है. ऐसे में जब कांग्रेस पार्टी सम्पत्ति के दोबारा बँटवारे की बात करती है, तो इसका अर्थ ये है कि वह अल्पसंख्यकों की सम्पत्तियों नहीं छू सकती. वह वक्फ की सम्पत्ति को आँख उठा कर भी नहीं देख सकती, मगर दूसरे समुदायों की सम्पत्ति बाँटेगी, इससे समाज में विभाजन होगा.प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने राहुल गाँधी के एक्सरे वाले बयान पर प्रक्रिया देते हुए बोला कि इससे राष्ट्र के हर घर में छापा पड़ेगा.

प्रधानमंत्री ने बोला कि कांग्रेस पार्टी ने मजहब के आधार पर आरक्षण दिया है, ये सच्चाई जनता को बताना ध्रुवीकरण कैसे हो गया ? प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने बोला कि हमारा संविधान साफ़ तौर पर मजहबी आधार पर आरक्षण रोकता है, मगर कांग्रेस पार्टी पार्टी ने यह कर्नाटक में किया और साथ ही अब तेलंगाना में दोहराने का कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने बोला कि यह कदम सामाजिक इन्साफ के खिलाफ है. प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने बोला कि हम उस पार्टी से और क्या आशा कर सकते हैं जिसके पीएम (मनमोहन सिंह) ने बोला था कि राष्ट्र के संसाधनों पर पहला हक़ अल्पसंख्यकों का, खासकर मुस्लिमों का है.

पीएम मोदी ने विपक्ष के लोकतंत्र खतरे में होने के दावों को भी सिरे से नकार दिया. उन्होंने बोला कि विपक्ष को सत्ता नहीं मिल रही, इसलिए वह पूरे विश्व में हिंदुस्तान को बदनाम करने के लिए इस तरह की बातें कर रहा है. प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने बोला कि केवल इसलिए, क्योंकि युवराज (राहुल गांधी) को सत्ता नहीं मिली, तो हिंदुस्तान एक ‘चुनावी तानाशाही’ बन गया ? पीएम ने आगे बोला कि विदेशों में भी विपक्ष की इस बात की स्वीकार्यता नहीं है और केवल हर बात पर सर्टिफिकेट जारी करने वाले ही उनकी (विपक्ष की) सुन रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पार्टी नेता सैम पित्रोदा के विरासत टैक्स के आइडिया पर भी निशाना साधा. प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुछा कि यदि गवर्नमेंट जनता की सम्पत्ति लेने लगेगी, तो फिर लोग काम क्यों करेंगे. प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने बोला कि यह राष्ट्र में बढती खाई का हल नहीं है, बल्कि निवारण के रूप में एक और बड़ी परेशानी है. प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने बोला कि सम्पत्ति का बँटवारा और विरासत टैक्स जैसी योजनाओं ने कभी गरीबी नहीं हटाई, बल्कि गरीबी को बराबर बाँट कर सबको ही गरीब बना दिया.

पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी के प्रदर्शन को लेकर भी बयान दिया, उन्होंने बोला कि जहाँ भी वह गए हैं वहाँ उन्हें लोगों का भरपूर समर्थन मिला है, ऐसे में NDA 400 पार कर जाएगा और बीजेपी 370 से अधिक सीट जीतेगी.

क्या है वक्फ बोर्ड और कितनी संपत्ति है उसके पास ?

बता दें कि, वक्फ शब्द की उत्पत्ति अरबी भाषा के लफ्ज वकुफा से हुई है. इस्लाम में वक्फ उस संपत्ति को बोला जाता है, जो अल्लाह के नाम पर दान कर दी जाती है. एक बार संपत्ति वक्फ हो गई, तो फिर उसे मालिक को कभी वापस नहीं मिलती.  वक्फ बोर्ड के पास राष्ट्र में भारतीय आर्मी और भारतीय रेलवे के बाद सबसे अधिक जमीन है. यानी, वक्फ बोर्ड हिंदुस्तान का तीसरा सबसे बड़ा जमीन मालिक है. वक्फ मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इण्डिया के अनुसार, 2022 तक राष्ट्र के सभी वक्फ बोर्डों के पास कुल मिलाकर 8 लाख 54 हजार 509 संपत्तियां हैं, जो लगभग 8 लाख एकड़ से अधिक जमीन पर फैली है. बड़ी बात ये भी है कि, वक्फ यदि आपके घर पर दावा ठोंक दे, यानी उसे वक्फ प्रॉपर्टी घोषित कर दे, तो आप किसी न्यायालय में भी नहीं जा सकते, उसके लिए आपको वक्फ बोर्ड ट्रिब्यूनल के पास ही जाना होगा. फिर ट्रिब्यूनल की ख़्वाहिश की वो आपकी संपत्ति वापस दे या नहीं ?  यहाँ तक किको भी अपनी जमीन वक्फ से वापस पाने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़े थे, वो तो न्यायालय थी, इसलिए उच्चतम न्यायालय में उसकी सुनवाई हो गई और उसे जमीन वापस मिली, अन्यथा इलाहबाद उच्च न्यायालय की जमीन पर भी वक्फ का अतिक्रमण होता.

 

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