खड़ी बस में एक संदिग्ध ‘जिंदा बम’ जैसी पाए जाने के बाद यहां फैला दहशत
जहां एक तरफ बीते बुधवार को महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) की एक खड़ी बस में एक संदिग्ध ‘जिंदा बम’ (Bomb) जैसी पाए जाने के बाद यहां गणेशपेठ क्षेत्र में भय फैल गई। वहीं बाद में समाचार मिली की यह ‘संदिग्ध बम’ असल में एक ‘अग्निशमन यंत्र’ या ‘फायर एक्सटिंग्विशर’ (Fire Extinguisher) है। इस मामले में नागपुर पुलिस ने स्तिथि को साफ किया है।
क्या था मामला
दरअसल, दो दिन पहले गढ़चिरौली से यहां पहुंची बस में संदिग्ध ‘जिंदा बम’ पाया गया था और गाड़ी डिपो परिसर में खड़ा था। बाद में अज्ञात वस्तु की जानकारी मिलने पर बस टर्मिनल के ऑफिसरों ने तुरंत बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वाड (BDDS) को बुलाया, जिसने जानकारों की एक टीम को मौके पर भेजा, यहां तक कि डिपो के अंदर और आसपास के लोगों को सुरक्षित दूरी पर ले जाया गया।
बम नहीं बल्कि फायर एक्सटिंग्विशर
इस मामले में अन्य क्षेत्रीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नागपुर पुलिस के DCP जोन 3 ऑफिस के गोरख भामरे ने स्तिथि को साफ़ करते हुए कहा कि, MSRTC की एक खड़ी बस में एक संदिग्ध ‘जिंदा बम’ नहीं बल्कि एक ‘आग बुझाने का यंत्र’ या ‘फायर एक्सटिंग्विशर’ है जो रेड्माटिक कंपनी द्वारा बनाया गया है। हालांकि इस मामले में अभी और भी जरुरी जांच चल रही है।जांच रिपोर्ट के बाद पुलिस विभाग को बड़ी राहत जरुर मिली है। हालांकि, अब यह प्रश्न उठने लगा है कि, आखिर आग बुझाने वाले संयंत्र का कवर किसने निकाला।
CP कार्यालय में कुख्यात अपराधियों की परेड आयोजित
इधर नागपुर में हुई इस प्रकार की गतिविधि को देखते हुए नागपुर पुलिस ने शहर के क्राइम मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक जरूरी कदम उठाया। दरअसल शहर के नवनियुक्त पुलिस आयुक्त डाक्टर रवींद्र सिंघल के नेतृत्व में नागपुर में पुलिस आयुक्त कार्यालय में कुख्यात अपराधियों की परेड आयोजित की गई। यह पहल नागपुर में आपराधिक गतिविधियों से निपटने के लिए एक व्यापक रणनीति का हिस्सा कहा जा रहा है।