चुनावी महाभारत की आग में सैम पित्रोदा के इस बयान ने घी डालने का किया काम
Who is Sam Pitroda: भारतीय ओवरसीज कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने एक बार फिर से ऐसा बयान दिया है, जिसपर भाजपा समेत कई दल हमलवार हो गए हैं। लोकसभा चुनावों की बीच राजनीतिक पारा और हाई हो गया है। अब इसे संयोग कहें या प्रयोग, चुनावी महाभारत की आग में सैम पित्रोदा के बयान ने घी डालने का काम किया है। सैम पित्रोदा ने बोला है कि अमेरिका में गवर्नमेंट किसी की मृत्यु के बाद 55 प्रतिशत संपत्ति ले लेती है और हिंदुस्तान के लिए भी उन्हें ये मुनासिब लगता है। लगातार 10 वर्ष से सत्ता पर काबिज भाजपा को हराने का दम भरने वाली कांग्रेस पार्टी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। टकराव बढ़ने के बाद पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने सैम के बयान से किनारा कर लिया। इसके बाद सैम पित्रोदा ने सफाई दी और बोला है कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया।
भारतीय सूचना क्रांति के अग्रदूत माने जाते हैं पित्रोदा
अपनी पार्टी को उलझन में डालने का सैम पित्रोदा का पुराना रिकॉर्ड है और अपने विवादित बयानों की वजह से वह हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। हालांकि, सैम पित्रोदा की पहचान केवल इतनी नहीं है। उनको भारतीय सूचना क्रांति का अग्रदूत माना जाता है। 80 के दशक में हिंदुस्तान की दूरसंचार और प्रौद्योगिकी क्रांति की नींव रखने का श्रेय पित्रोदा को ही दिया जाता है। कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट के बुलावे पर वर्ष 1984 में वो हिंदुस्तान वापस आए और दूरसंचार नीति को दिशा देने का काम किया। सैम पित्रोदा हिंदुस्तान के दूरसंचार आयोग के संस्थापक और पहले अध्यक्ष भी रहे हैं।
क्या आपको पता है सैम पित्रोदा का पूरा नाम?
सैम पित्रोदा के बारे में ज्यादातर लोगों ने सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनका पूरा नाम क्या है। दरअसल, सैम पित्रोदा का पूरा नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है। इसकी जानकारी उनकी वेबसाइट sampitroda.com पर उपस्थित है। वेबसाइट पर उनको मिले कई अवॉर्ड्स की फोटोज उपस्थित हैं, जिसमें उनका नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा लिखा हुआ है।
गुजराती परिवार में हुआ है सैम पित्रोदा का जन्म
सैम पित्रोदा का जन्म 4 मई 1942 को ओड़िशा के तितलागढ़ में हुआ था और गुजराती परिवार से आते हैं। अभी वो शिकागो में रहते हैं और उनके पास हिंदुस्तान के अतिरिक्त अमेरिका नागरिकता है। पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखने वाले सैम का परिवार महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित होकर ओडिशा से गुजरात आकर बस गया था। सैम पित्रोदा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई वडोदरा से और फिर बाद की पढ़ाई शिकागो से पूरी की।
राजीव गांधी के करीबी माने जाते हैं सैम पित्रोदा
राजीव गांधी की वजह से ही सैम पित्रोदा की राजनीति में एंट्री हुई थी। सैम पित्रोदा को राजीव गांधी का करीबी माना जाता है। समय के साथ कांग्रेस पार्टी पार्टी में उनका दबदबा बढ़ता गया और अब वो राहुल गांधी के भी करीबी माने जाते हैं। वर्ष 2017 में राहुल गांधी के कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद सैम पित्रोदा को भारतीय ओवरसीज कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।