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चौटाला परिवार में फिर महाभारत, ससुर के खिलाफ उतरीं जेठानी-देवरानी

Haryana Politics and Chautala Family : हरियाणा के सबसे बड़े सियासी परिवार भूतपूर्व उप पीएम चौधरी देवीलाल के परिवार में एकता की चर्चा के बीच राजनीतिक तकरार की तस्वीर साफ हो चुकी है. अब चौटाला परिवार में ही तीन मोर्चों पर जंग छिड़ी हुई है. ओम प्रकाश चौटाला के दोनों बेटों और उनके परिवार में भी एकता नहीं हो पाई है. इस बीच पूर्व उप सीएम दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने हरियाणा के लिए पांच लोकसभा प्रत्याशियों की घोषणा की है.

दुष्यंत ने दो बार की विधायक और अपनी मां नैना सिंह चौटाला को हिसार से उम्मीदवार बनाया है, जहां उनका मुकाबला अपने ही ससुर और बीजेपी के उम्मीदवार रंजीत सिंह चौटाला से होगा. नैना जहां जजपा के अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला की पत्नी और ओमप्रकाश चौटाला की पुत्रवधू हैं. वहीं, रंजीत चौटाला अजय सिंह चौटाला के चाचा हैं और ओम प्रकाश चौटाला के भाई हैं. इन दोनों उम्मीदवारों में ससुर बहू का रिश्ता है.

इतना ही नहीं ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी भारतीय नेशनल लोकदल ने भी हिसार से अपना उम्मीदवार उतारा है. इनेलो की तरफ से सुनैना चौटाला को टिकट दिया गया है, जो नैना  की देवरानी हैं. सुनैना ओम प्रकाश चौटाला के दूसरे भाई प्रताप चौटाला के बेटे रवि चौटाला की पत्नी हैं. यानी सुनैना और नैना देवरानी और जेठानी हैं, जिनका मुकाबला अपने ससुर और बीजेपी उम्मीदवार रंजीत सिंह चौटाला से होना है.

हिसार सीट पर 2014 में नैना चौटाला के बेटे दुष्यंत चौटाला ने इनेलो के टिकट पर चुनाव जीता था. हालांकि, 2019 में दुष्यंत चौटाला को बीजेपी के बृजेन्द्र सिंह ने करीब 3.14 लाख के वोटों के अंतर से चुनाव हरा दिया था. उन्हीं चुनावों के बाद हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव और उसके बाद बनी राज्य के मनोहर लाल खट्टर गवर्नमेंट में दुष्यंत चौटाला उप सीएम बने थे. अब उनका गठबंधन बीजेपी से टूट चुका है. दूसरी तरफ हिसार सीट से बीजेपी के सांसद और पूर्व आईएएस अधिकारी बृजेंद्र सिंह ने अब बीजेपी से नाता तोड़कर कांग्रेस पार्टी का हाथ थाम लिया है.

रंजीत चौटाला, नैना और सुनैना चौटाला का परिवार
भूतपूर्व उप पीएम चौधरी देवीलाल का जन्म हरियाणा के सिरसा जिले के तेजा खेड़ा गांव में हुआ था. 1971 तक कांग्रेस पार्टी में रहने वाले देवीलाल 1977 में जनता पार्टी में शामिल हो गए थे. 10 वर्ष बाद 1987 में उन्होंने भारतीय नेशनल लोकदल की स्थापना की थी. 1989 में जब केंद्र में वीपी सिंह की गवर्नमेंट बनी तो वह उप पीएम बने और पार्टी की कमान बड़े बेटे ओम प्रकाश चौटाला को सौंप दी. हालांकि, उस समय उनका सारा कामकाज तीसरे बेटे रंजीत सिंह चौटाला देखते थे.

देवीलाल के चार बेटे हैं. सबसे बड़ा ओमप्रकाश चौटाला. दूसरे नंबर पर प्रताप चौटाला, तीसरे नंबर पर रंजीत चौटाला और सबसे छोटे जगदीश चौटाला. ओपी चौटाला के दो बेटे- अजय चौटाला और अभय चौटाला. अजय चौटाला ओपी चौटाला के बड़े बेटे हैं. इनकी पत्नी नैना चौटाला हैं. नैना चौटाला चरखी दादरी जिले के बधरा से विधायक हैं. वह डबवाली सीट से भी विधायक रही थीं. नैना चौटाला स्त्रियों को राजनीति से परिचित कराने के मकसद से राज्य में ‘हरि चुनरी चौपाल ’ जैसे कार्यक्रम आयोजित करती रही हैं. इनके दो बेटे हैं- दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला. अभय सिंह की विवाह कांता चौटाला से हुई है. उनके भी दो बेटे हैं करण और अर्जुन चौटाला.

देवीलाल के दूसरे बेटे प्रताप चौटाला थे, जिनका कैंसर की वजह से मृत्यु हो चुका है. उनके बेटे हैं रवि चौटाला. उनकी पत्नी हैं सुनैना चौटाला जिन्हें इनेलो ने हिसार सीट से उतारा है. सुनैना इनेलो की स्त्री विंग की प्रदेश महासचिव हैं. खास बात यह कि सुनैना देवीलाल परिवार की दूसरी स्त्री हैं, जो राजनीति में उतारी हैं. देवीलाल के तीसरे बेटे रंजीत सिंह चौटाला हैं. 78 वर्षीय रंजीत चौटाला निर्दलीय विधायक रहे हैं और पिछले महीने ही बीजेपी में शामिल हुए थे. उन्हें लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी बनाया गया है.

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