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छत्तीसगढ़: शव के अंतिम संस्कार के लिए परिवार ने खटखटाया हाई कोर्ट का दरवाजा

Chhattisgarh Family Approach High Court For Funeral: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर से एक अजीबोगरीब मुद्दा सामने आया है. यहां एक धर्मांतरित करने वाले परिवार को अपने घर के एक मृत सदस्य के आखिरी संस्कार के लिए उच्च न्यायालय दरवाजा खटखटाना पड़ा. उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद धर्मांतरित परिवार को अपने घर के मृत सदस्य का आखिरी संस्कार के लिए जमीन मिल पाई. ये मुद्दा जगदलपुर के छिंदबाहर गांव का है. मरने वाले आदमी के परिवार ने ईश्वर कोर्राम को अपनाया था. ईसाई रीति रिवाजों के मुताबिक मृतशरीर को दफनाना था और इसी बात को लेकर टकराव हो रहा था.

पूरे रीति रिवाजों के साथ आखिरी संस्कार

दरअसल, गांव के क्षेत्रीय लोग सार्थिक कोर्राम में धर्मांतरित होने वाले परिवार को मृतक के आखिरी संस्कार के लिए जमीन देने को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. मुद्दे को लेकर विरोध बढ़ता देख पीड़ित परिवार के लोगों ने उच्च न्यायालय में इस मुद्दे को लेकर अपील की. इस मुद्दे पर 28 अप्रैल को उच्च न्यायालय का निर्णय आया. उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद पुलिस सुरक्षा के बीच गांव में ही ईसाई रीति रिवाजों के मुताबिक मृतशरीर को दफनाया गया.

हाई न्यायालय पहुंचा मामला

बता दें कि डिमरापाल के एक हॉस्पिटल में 25 अप्रैल को एक सार्थिक कोर्राम आदमी की मृत्यु हुई थी. गांव के लोगों ने गांव में कोर्राम आदमी के आखिरी संस्कार करने से इनकार कर दिया और उन्हें जरूरी शमशान में जमीन नहीं दी. इसके बाद मुद्दा उच्च न्यायालय पहुंचा. मालूम हो कि बस्तर में धर्मांतरण से जुड़े टकराव को लेकर क्षेत्रीय आदिवासी समुदाय और धर्मांतरित परिवारों के बीच लगातार इस तरह के टकराव सामने आ रहे हैं. जिससे कई बार कानून प्रबंध की परेशानी पैदा हो रही है.

 

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