राष्ट्रीय

ज्ञानवापी की तरह 22 मार्च से ASI की तरफ से किया जाएगा सर्वेक्षण

विभाग द्वारा जारी एक आधिकारिक आदेश में बोला गया है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) 22 मार्च से धार में भोजशाला परिसर का सर्वेक्षण प्रारम्भ करेगा. यह घटनाक्रम इंदौर में उच्च न्यायालय, मध्य प्रदेश के आदेश के बाद आया है. आधिकारिक बयान में बोला गया कि माननीय उच्च न्यायालय, मध्य प्रदेश इंदौर के रिट याचिका क्रमांक 10497/2022 के आदेश के अनुपालन में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा माननीय कोर्ट के निर्देशानुसार पुरातत्व सर्वेक्षण/वैज्ञानिक जांच/उत्खनन 22.3.2024 को सुबह से किया जाएगा.

इस महीने की आरंभ में मप्र हाई कोर्ट ने विवादित स्थल के ‘असली चरित्र, प्रकृति और स्वरूप का पता लगाने’ के लिए भोजशाला मंदिर और कमल मौला मस्जिद के ‘बहु-विषयक वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ का आदेश दिया था, जिससे पहले सांप्रदायिक झड़पें हो चुकी हैं. मीडिया के अनुसार, जस्टिस एसए धर्माधिकारी और जस्टिस देवनारायण मिश्रा की खंडपीठ ने हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस द्वारा दाखिल याचिका पर कार्रवाई करते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को पांच सदस्यीय पैनल बनाने का निर्देश दिया, जिसमें सबसे वरिष्ठ अधिकारी शामिल हों और छह हफ्ते के भीतर रिपोर्ट सौंपें.

हिंदू 11वीं शताब्दी के एएसआई-संरक्षित स्मारक भोजशाला को देवी सरस्वती को समर्पित एक मंदिर मानते हैं, जबकि मुसलमान इसे कमल मौला मस्जिद के रूप में संदर्भित करते हैं. अप्रैल 2003 से एएसआई के एक आदेश के अनुसार, हिंदू मंगलवार को पूजा करते हैं और मुसलमान शुक्रवार को नमाज अदा करते हैं. न्यायालय ने 1958 के स्मारक अधिनियम की धारा 16 पर ध्यान केंद्रित किया, जो पूजा स्थल को दुरुपयोग, प्रदूषण और अपवित्रता से बचाने से संबंधित है और बोला कि पूजा स्थल के चरित्र का निर्धारण प्राथमिक फैसला लेने के लिए एक पूर्व शर्त है.

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