दिल्ली में इस चुनाव को लेकर BJP और आप में कशमकश
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के बीच दिल्ली एमसीडी का मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। 26 अप्रैल को दिल्ली के मेयर और डिप्टी मेयर पद पर चुनाव होने हैं। हालांकि, राष्ट्र में आदर्श आचार संहिता लगने के कारण अभी तक निर्वाचन आयोग की तरफ से मेयर चुनाव की इजाजत नहीं मिली है। इसके बावजूद आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस पार्टी ने तैयारी प्रारम्भ कर दी है। इस बार भी एमसीडी के 250 पार्षद के साथ-साथ दिल्ली के सभी सातों लोकसभा सांसद, 3 राज्यसभा सांसद और 14 विधायक मेयर चनाव में वोट डालेंगे। हालांकि, इसमें इसमें कुछ विधायक और सांसद वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रह सकते हैं। ऐसे में इस बार भी भाजपा और आप-कांग्रेस में कड़ा मुकाबला हो सकता है।
बता दें कि पिछले वर्ष दो बार मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव हुए थे। दोनों चुनाव में जबरदस्त बवाल हुआ था। चुनाव के दौरान हालात इस कदर बिगड़ गए थे कि सदन के अंदर जूते-चप्पल चले और कुर्सियां भी एक-दूसरे पर फेंकी गई थीं। आपको बता दें कि वर्ष 2023 में आम आदमी पार्टी के विरुद्ध भाजपा और कांग्रेस पार्टी दोनों खड़ी होती थी, लेकिन इस बार कांग्रेस पार्टी और आप एक साथ होगी, जिससे सदन नें आप की स्थिति पहले से अधिक मजबूत होगी।
26 अप्रैल को मेयर चुनाव
इसके बावजूद भाजपा ने इस बार मेयर पद के लिए किशन लाल, वार्ड नंबर 62 शकूरपुर को और डिप्टी मेयर पद के लिए नीता बिस्ट वार्ड नंबर 247 सादतपुर को मैदान में उतारा है। वहीं, आम आदमी पार्टी ने वार्ड नंबर 84 देवनगर क्षेत्र के महेश खिची को मेयर पद और रविंद्र भारद्वाज को डिप्टी मेयर का प्रत्याशी बनाया है। पिछली बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी के शैली ओबरॉय और डिप्टी मेयर पद पर आले मोहम्मद इकबाल की जीत हुई थी।
पिछले वर्ष भी 26 अप्रैल को ही मेयर और डिप्टी मेयर पद के चुनाव हुए थे। दिल्ली नगर निगम में पार्षदों की संख्या 250 है, जिसमें आम आदमी पार्टी के 134 पार्षद और भाजपा के 104 पार्षद जीत कर आए हैं। कांग्रेस पार्टी के भी 9 पार्षदों ने चुनाव जीता है। इस बार कांग्रेस पार्टी और आम आदमी पार्टी एक साथ है इस लिहाज से दोनों की संख्या 143 हो जाती है। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी के 3 राज्यसभा सांसद और 14 विधायक भी वोट डालेंगे।
वहीं, भाजपा इस बार भी आम आदमी पार्टी को मेयर चुनाव में वॉक ओवर नहीं देना चाहती है। इसलिए भाजपा प्रयास कर रही है कि इस बार भी मेयर पद का चुनाव में कड़ा मुकाबला हो। हालांकि, इसमें भाजपा की संख्या आड़े आ रही है। ऐसे में यह तभी संभव होगा जब सांसदों के साथ-साथ कुछ विधायक भी वोटिंग से अनुपस्थि रहें। लेकिन, यह ऐसा होना कठिन लग रहा है। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने एमसीडी चुनाव के लिए 14 विधायकों को मनोनीत किया है, वोटिंग में प्रक्रिया में भाग लेंगे।