भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री Srinivas Prasad ने आज सुबह ली अंतिम श्वांस
कर्नाटक के चामराजनगर से बीजेपी (भाजपा) के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री वी श्रीनिवास प्रसाद का सोमवार को मृत्यु हो गया. उनके पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.
प्रसाद का बेंगलुरु के एक निजी हॉस्पिटल में उपचार चल रहा था और आज सुबह तड़के उन्होंने आखिरी श्वांस ली. वह 76 साल के थे. प्रसाद के परिवार में उनकी पत्नी और तीन बेटियां हैं.
प्रसाद चामराजनगर से छह बार सांसद और मैसूरु जिले के नंजनगुड से दो बार विधायक चुने गए. वह पिछले कुछ समय से बीमार थे.
प्रसाद ने इस वर्ष 18 मार्च को चुनावी राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की थी.
उन्होंने पहली बार 1974 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा था.
वह 1976 में तत्कालीन जनता पार्टी से जुड़े और 1979 में वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे. बीजेपी में शामिल होने से पहले वह जनता दल (सेक्युलर), जनता दल (यूनाइटेड) और समता पार्टी में भी रहे थे.
प्रसाद ने 1999 से 2004 तक तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की गवर्नमेंट में केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री के रूप में सेवाएं दी थीं. इसके बाद वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे.
कांग्रेस में शामिल होने के बाद प्रसाद 2013 में विधायक चुने गए और सिद्धरमैया गवर्नमेंट में उन्होंने राजस्व और धार्मिक बंदोबस्ती मंत्री का पद संभाला.
प्रसाद ने 2016 में कर्नाटक विधानसभा से त्याग-पत्र दे दिया और फिर से बीजेपी में शामिल हो गए. उन्होंने 2017 में बीजेपी के टिकट पर नंजनगुड उपचुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे.
इसके बाद वह 2019 में चामराजनगर से लोकसभा चुनाव में विजयी रहे थे.
कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया ने उनके मृत्यु पर दुख जताते हुए उन्हें उत्पीड़ित दलितों के लिए एक मजबूत आवाज बताया.
उन्होंने कहा, अन्याय और असमानता के विरुद्ध संघर्ष करने वाले नेता का जाना राज्य में सामाजिक इन्साफ के सियासी संघर्ष के लिए एक बड़ा झटका है.
मुख्यमंत्री ने कहा, वह एक प्रगतिशील सोच वाले नेता थे. हमने पुराने मैसूरु क्षेत्र में लंबे समय तक भिन्न-भिन्न पार्टियों में काम किया, लेकिन एक-दूसरे के साथ हमारे अच्छे संबंध थे. हाल ही में जब मैं उनसे मिला तो हमारी पुरानी यादें ताजा हो गईं. मैंने कभी नहीं सोचा था कि प्रसाद हमें इतनी शीघ्र छोड़ कर चले जाएंगे.
भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व सीएम बी. एस. येदियुरप्पा ने भी प्रसाद के मृत्यु पर दुख जताया. उन्होंने कहा, मैं उनसे कुछ दिन पहले ही मिला था और मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि वह अब हमारे बीच नहीं हैं. उनकी पहचान एक प्रभावशाली दलित नेता के रूप में थी जिन्होंने राज्य और राष्ट्र की राजनीति में अपनी पहचान बनाई थी.