भारत में इस्लामिक स्टेट नेटवर्क से जुड़े तीन आतंकियों के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दाखिल किया आरोप पत्र
भारत में इस्लामिक स्टेट नेटवर्क से जुड़े तीन आतंकवादियों के विरुद्ध राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इल्जाम पत्र दाखिल किया. ये तीनों अपने बोरीवली-पड्घा आतंकी मॉड्यूल के जरिये विस्फोटक आईईडी का निर्माण, युवाओं की भर्ती, धन जुटाने और आतंकवादी संगठन के हिंदुस्तान विरोधी एजेंडे को बढ़ावा देने में एक्टिव रूप से शामिल थे.
आरोपियों की पहचान इलाहाबाद/प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) के मोहम्मद रिजवान अशरफ, देहरादून (उत्तराखंड) के मोहम्मद अरशद वारसी और हजारीबाग (झारखंड) के मोहम्मद शाहनवाज आलम के रूप में हुई है. आरोपपत्र में एनआईए ने आईएस के विदेश में बैठे संचालकों के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का भी खुलासा किया है. आरोपियों के विरुद्ध शस्त्र अधिनियम एवं विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, आईपीसी, यूएपीए एक्ट की विभिन्न धाराओं के अनुसार इल्जाम तय किए गए हैं.
आईएस की पत्रिकाएं और विस्फोटक सामाग्री जब्त
बोरीवली-पडघा आईएसआईएस आतंकवादी मॉड्यूल मुद्दे (एनआईए आरसी-29/2023/एनआईए/डीएलआई) की जांच के दौरान एजेंसी ने इस्लामिक स्टेट (आईएस) की ओर से प्रकाशित ‘वॉयस ऑफ हिंद’, ‘रुमिया’, ‘खिलाफत’, ‘दबिक’ जैसी प्रचार पत्रिकाओं के साथ-साथ विस्फोटक-आईईडी के निर्माण से संबंधित आपत्तिजनक सामग्री बरामद की थी. जांच से पता चला कि वे आईईडी के निर्माण से संबंधित डिजिटल फाइलें अपने संपर्कों के साथ साझा कर रहे थे. उन्हें आईएसआईएस गतिविधियों को आगे बढ़ाने और इसकी चरमपंथी और हिंसक विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए अपनी आतंकवादी योजनाओं और डिजाइनों के लिए एक्टिव रूप से धन जुटाते हुए भी पाया गया.
एनआईए आईएस मॉड्यूल की जांच कर रही
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