मेनका गांधी की सीट से प्रेम शुक्ला को मिलेगा टिकट
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी तीसरी सूची पर मंथन कर रही है. अब तक दो लिस्ट जारी कर बीजेपी ने 267 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं. लेकिन अब भी उत्तर प्रदेश की 24 सीटों पर प्रतीक्षा हो रहा है और बिहार में तो अब तक एक भी कैंडिडेट का नाम घोषित नहीं किया गया है. इस बीच बीजेपी सूत्रों का बोलना है कि दोनों राज्यों में बड़ी संख्या में सांसदों के टिकट कट सकते हैं. उत्तर प्रदेश की बकाया 24 सीटों पर कई सांसदों के नाम कट सकते हैं. इसके अतिरिक्त बिहार में तो एक मंत्री तक का नाम कटने के कयास लग रहे हैं.
यूपी की बात करें तो यहां सबसे अधिक चर्चा सुल्तानपुर सीट से मेनका गांधी और पीलीभीत से उनके बेटे वरुण गांधी का टिकट कटने की चर्चा है. पार्टी की कोर कमेटी की हाल ही में उत्तर प्रदेश और बिहार को लेकर बैठक हुई थी. इस मीटिंग में अमित शाह और जेपी नड्डा उपस्थित थे. इस मीटिंग में कई सीटों को लेकर मंथन हुआ. एक सीनियर नेता ने कहा, ‘सीट शेयरिंग लगभग तय हो चुकी है. बिजनौर और बागपत सीट आरएलडी को मिल सकती है. घोसी की सीट सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को मिलेगी. वहीं अपना दल को मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज की सीट मिलेगी.‘
उन्होंने कहा कि मेरठ, पीलीभीत और सुल्तानपुर समेत 28 लोकसभा सीटों पर मंथन हुआ. बीजेपी सूत्रों का बोलना है कि सुल्तानपुर लोकसभा सीट से प्रेम कुमार शुक्ला को कैंडिडेट बनाया जा सकता है. वह उत्तर प्रदेश के ही रहने वाले हैं और 9 वर्ष पहले बीजेपी में आए थे. इससे पहले वह शिवसेना का हिस्सा थे. उनके अतिरिक्त संजय सिंह गंगवार और जितिन प्रसाद के नामों की भी चर्चा हुई. गंगवार को पीलीभीत लोकसभा सीट से टिकट मिल सकता है. वह अभी इसी संसदीय क्षेत्र की पीलीभीत सीट से विधायक हैं. दरअसल वरुण गांधी बीते कई वर्षों से मोदी गवर्नमेंट के आलोचक के तौर पर दिखे हैं. ऐसे में उन्हें अब फिर से टिकट मिल पाना कठिन होगा.
पार्टी सूत्रों का बोलना है कि मेरठ से भी किसी नए चेहरे को मौका मिल सकता है. यहां से राजेंद्र अग्रवाल दो बार सांसद रह चुके हैं. चर्चा है कि रामायण में एक्टिंग कर चुके अरुण गोविल को यहां से टिकट मिल सकता है. इसके अतिरिक्त कवि कुमार विश्वास को लेकर भी चर्चा है. एक चर्चा यह भी है कि नूपुर शर्मा को रायबरेली सीट से प्रियंका गांधी के मुकाबले उतारा जा सकता है. हालांकि यह सब चर्चा ही है और अब तक इस बारे में कुछ भी औपचारिक तौर पर बोला नहीं गया है.