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लोकसभा के पहले हिमाचल में कांग्रेस को लगा बड़ा झटका

हिमाचल प्रदेश में लगातार बढ़ते सियासी संकट के बीच कांग्रेस पार्टी के छह अयोग्य विधायक और त्याग-पत्र दे चुके तीन निर्दलीयों समेत नौ पूर्व विधायक शनिवार को बीजेपी (भाजपा) में शामिल हो गए. पूर्व विधायकों ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट की निंदा करते हुए बोला कि उसके सत्ता में आने के बाद से विकास कार्य बाधित हो गए हैं. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर, राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह और बीजेपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राजीव बिंदल की उपस्थिति में पूर्व विधायक पार्टी में शामिल हुए. इन पूर्व विधायकों का पार्टी में स्वागत करते हुए ठाकुर ने बोला कि उनकी उपस्थिति से बीजेपी और मजबूत होगी.

उन्होंने राज्य में कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट पर अपने वादों को पूरा न करने का इल्जाम लगाया जिससे लोगों के बीच आक्रोश है. ठाकुर ने बोला कि इन नेताओं ने हाल में हुए राज्यसभा चुनाव में बीजेपी का समर्थन किया था जो कांग्रेस पार्टी के विरुद्ध ‘‘जन आक्रोश” को दर्शाता है. कांग्रेस पार्टी के जो छह बागी विधायक बीजेपी में शामिल हुए हैं उनमें सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजेंद्र राणा, इंद्र दत्त लखनपाल, चैतन्य शर्मा और देवेंद्र कुमार भुट्टो शामिल हैं. ये सभी कांग्रेस पार्टी के टिकट पर निर्वाचित हुए थे और इन्हें हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मौजूद रहने तथा कटौती प्रस्ताव और बजट के दौरान राज्य गवर्नमेंट के पक्ष में मतदान करने के पार्टी के एक व्हिप की अवज्ञा करने के लिए 29 फरवरी को अयोग्य करार दिया गया था. तीन निर्दलीय विधायकों – आशीष शर्मा, होशियार सिंह और के एल ठाकुर ने शुक्रवार को अपने इस्तीफे सौंपे थे और वे भी बीजेपी में शामिल हो गए हैं होशियार सिंह ने बोला कि उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्र की विकास यात्रा का हिस्सा होने का निर्णय किया है. उन्होंने बोला कि कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने के बाद से राज्य में विकास कार्य रुक गए हैं. बीजेपी नेताओं ने राजमार्ग तथा रेल परियोजनाओं समेत राज्य के लिए मोदी गवर्नमेंट द्वारा उठाए कई विकास कदमों का उल्लेख किया और बोला कि पूर्व विधायकों ने पीएम के नेतृत्व को मजबूत बनाने का निर्णय किया है.   उन्होंने बोला कि इन पूर्व विधायकों को बीजेपी में मुनासिब सम्मान दिया जाएगा. जयराम ठाकुर ने कांग्रेस पार्टी के छह पूर्व विधायकों के बीजेपी में शामिल होने को ऐसे छोटे राज्य के लिए बड़ा सियासी घटनाक्रम बताते हुए बोला कि इनमें से कई नेता पार्टी में वरिष्ठ पदों पर थे. पूर्व कांग्रेस पार्टी नेताओं ने पार्टी की निंदा करते हुए बोला कि कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व अब दिखायी नहीं देता है और राष्ट्र के लिए कोई दृष्टिकोण पेश नहीं करता है. चार बार के विधायक सुधीर शर्मा ने इल्जाम लगाया कि राज्य में विकास के लिए कोई माहौल नहीं है जबकि कांग्रेस पार्टी इसलिए टूट रही है क्योंकि उसके नेतृत्व के पास राष्ट्र के लिए कोई दृष्टिकोण नहीं है तथा उसके पास मोदी की निंदा करने के अतिरिक्त और कुछ नहीं है.  राणा ने भी उनके विचारों से सहमति जतायी और ‘‘राजनीतिक विपत्ति” उत्पन्न करने के लिए कांग्रेस पार्टी नेतृत्व को उत्तरदायी ठहराया. उन्होंने बोला कि वे पहाड़ी राज्य को विकास की राह पर ले जाने को लेकर आशान्वित हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम राष्ट्र के विकास में सहयोग देना चाहते हैं.” निर्वाचन आयोग ने इन पूर्व कांग्रेस पार्टी विधायकों के छह निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उपचुनाव की घोषणा की है. निर्दलीय की तीन सीटों पर भी उपचुनाव की घोषणा होने की आसार है. पिछले महीने बीजेपी (भाजपा) ने इन नौ विधायकों के समर्थन से राज्य की इकलौती सीट के लिए हुए राज्यसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी और इसके बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट संकट में आ गयी थी.

बहरहाल, सुक्खू की गवर्नमेंट को अभी कोई खतरा नजर नहीं आता है लेकिन बीजेपी उपचुनाव में जीत के साथ उनकी गवर्नमेंट को गिराने की फिराक में है. उपचुनाव में बीजेपी की जीत से सत्तारूढ़ पार्टी के खेमे में विधायकों की संख्या में कमी आ सकती है. कांग्रेस पार्टी के छह विधायकों की अयोग्यता के बाद अब 62 सदस्यीय हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस पार्टी सदस्यों की संख्या 39 से कम होकर 33 रह गयी है. विधानसभा में मूल रूप से 68 सदस्यीय है. बीजेपी के 25 विधायक हैं. बहुमत परीक्षण के दौरान दोनों पक्षों के बराबरी पर रहने की सूरत में ही अध्यक्ष वोट कर सकते हैं और अभी अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी पार्टी के हैं.

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