सैम पित्रोदा के बयान पर मोदी का हमला, कहा…
सरगुजा . पीएम मोदी ने सैम पित्रोदा के बयान को लेकर कांग्रेस पार्टी की मंशा पर तीखा धावा बोलते हुए बोला है कि जिन लोगों ने पूरी कांग्रेस पार्टी पार्टी को अपनी पैतृक संपत्ति मानकर अपने बच्चों को दे दी ,वो लोग नहीं चाहते कि एक सामान्य भारतीय अपने बच्चों को अपनी संपत्ति दे.
उन्होंने बोला कि कांग्रेस पार्टी माता-पिता से मिलने वाली विरासत पर भी टैक्स लगाना चाहती है यानि कांग्रेस पार्टी का मंत्र है — कांग्रेस पार्टी की लूट, जीवन के साथ भी और जीवन के बाद भी.
छत्तीसगढ़ के सरगुजा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने बोला कि कांग्रेस पार्टी पार्टी के घातक इरादे एक के बाद एक खुलकर सामने आ रहे हैं. शाही परिवार के शहजादे के सलाहकार जो उनके पिता के भी सलाहकार रहे हैं, ने कुछ समय पहले बोला था कि मिडिल क्लास पर और अधिक टैक्स लगाना चाहिए. अब ये लोग इससे भी एक कदम और आगे बढ़ गए हैं.
पीएम मोदी ने कहा, अब कांग्रेस पार्टी का बोलना है कि वो विरासत टैक्स लगाएगी, माता-पिता से मिलने वाली विरासत पर भी टैक्स लगाएगी. आप जो मेहनत से संपत्ति जुटाते हैं, वो आपके बच्चों को नहीं मिलेगी, बल्कि कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट का पंजा उसे भी आपसे छीन लेगा. यानि कांग्रेस पार्टी का मंत्र है- कांग्रेस पार्टी की लूट जीवन के साथ भी और जीवन के बाद भी.
उन्होंने कटाक्ष करते हुए बोला कि यह परिवार उन्हीं सलाहकार की राय मानता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर धावा जारी रखते हुए आगे बोला कि जब तक आप जीवित रहेंगे, कांग्रेस पार्टी आपको अधिक टैक्स से मारेगी और जब आप जीवित नहीं रहेंगे, तो वो आप पर इनहेरिटेन्स टैक्स का बोझ लाद देगी. जिन लोगों ने पूरी कांग्रेस पार्टी पार्टी पैतृक संपत्ति मानकर अपने बच्चों को दे दी, वो लोग नहीं चाहते कि एक सामान्य भारतीय अपने बच्चों को अपनी संपत्ति दे.
दरअसल, सैम पित्रोदा ने बोला है कि अमेरिका में 55 प्रतिशत विरासत टैक्स लगता है. गवर्नमेंट 55 प्रतिशत हिस्सा ले लेती है. उन्होंने बोला कि संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए. यदि किसी आदमी के पास 10 करोड़ $ की संपत्ति है तो उसके मरने के बाद 45 प्रतिशत संपत्ति उसके बच्चों को और 55 प्रतिशत संपत्ति गवर्नमेंट की हो जाती है. उन्होंने बोला कि हिंदुस्तान में ऐसा कानून नहीं है. ऐसे मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए और वे ऐसी नीतियों की बात कर रहे हैं, जो लोगों के भलाई में हो न कि केवल अमीरों के भलाई में.