हेमंत सोरेन को सर्वोच्च न्यायालय से मिला झटका, कपिल सिब्बल ने कहा…
रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सर्वोच्च कोर्ट से झटका मिला है. ‘झारखंड मुक्ति मोर्चा’ (JMM) चीफ इस समय मनी लॉन्ड्रिंग के मुद्दे में कारावास में कैद हैं. उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अरैस्ट किया था. उन्होंने इस मुद्दे में राहत के लिए शीर्ष न्यायालय का रुख किया था. इसकी सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने इस दौरान हेमंत सोरेन का अगुवाई कर रहे अधिवक्ता और पूर्व कांग्रेस पार्टी नेता कपिल सिब्बल से पूछा कि वो क्या चाहते हैं?
कपिल सिब्बल ने न्यायालय को उत्तर दिया कि वो अंतरिम जमानत के लिए याचिका लेकर आए हैं. इस पर उच्चतम न्यायालय ने अगले सप्ताह में नोटिस जारी करने की बात कही. जब सोरेन के वकील कपिल सिब्बल ने बोला कि शुक्रवार को ही मुद्दा सुना जाए, तो सर्वोच्च कोर्ट के जजों ने मुस्कुराते हुए पूछा कि ये क्या है? हमें थोड़ा फैसला लेने का वक़्त दीजिए. इस पर कपिल सिब्बल ने बोला कि मुझे पता है कि न्यायधीश लोग दबाव में हैं. इसके बाद शीर्ष न्यायालय ने बोला कि वो 6 मई से शुरुआत होने वाले हफ्ते में ये मुद्दा सुनेंगे.
बता दें कि, याचिका में पूर्व मुख्यमंत्री सोरेन ने अपनी गिरफ़्तारी को चुनौती दी है, जिस पर सोमवार (29 अप्रैल, 2024) को शीर्ष न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस भी जारी किया है. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता ने इस मुद्दे की सुनवाई की. उच्चतम न्यायालय ने बोला कि प्रवर्तन निदेशालय का उत्तर आने तक उच्च न्यायालय रिजर्व मुद्दे में जजमेंट सुना सकता है. सोरेन की पार्टी का दावा था कि झारखंड हाई कोर्ट इस मुद्दे में निर्णय सुनाने में देरी कर रहा है. वहाँ गिरफ़्तारी को चुनौती देने वाली याचिका दाखिल है.
उल्लेखनीय है कि, इससे पहले भी सोरेन उच्चतम न्यायालय पहुँचे थे, मगर, उच्चतम न्यायालय ने उन्हें हाई कोर्ट जाने के लिए बोला था. 31 जनवरी, 2024 को हेमंत सोरेन ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था. उसके बाद चम्पई सोरेन राज्य के सीएम बने थे. वहीं, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने गांडेय विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है. गांडेय के विधायक रहे डॉ सरफराज अहमद के पैर छूकर उन्होंने आशीर्वाद लिया. उससे पहले कल्पना अपने ससुर शिबू सोरेन और सास से आशीर्वाद लेने भी गईं थीं.