राष्ट्रीय

11 साल पहले मजार बनाने वाले मोहम्मद सईद को बलरामपुर पुलिस ने किया गिरफ्तार

लखनऊ:  यूपी के बलरामपुर जिले में एक पुलिस स्टेशन की जमीन पर बनी कब्र के मुद्दे में बड़ा खुलासा हुआ है. 11 वर्ष पहले मजार बनाने वाले पूर्व अकाउंटेंट मोहम्मद सईद को बलरामपुर पुलिस ने अरैस्ट कर लिया है. सईद पर सपा (सपा) गवर्नमेंट के दौरान दस्तावेजों में हेरफेर करने और फर्जी कागजी कार्रवाई तैयार करने का इल्जाम है.

पुलिस के अनुसार, सईद की संलिप्तता 2013 में एक जांच के दौरान सामने आई थी, जब सादुल्लानगर थाने की जमीन पर गैरकानूनी कब्जा करने और एक मकबरे के निर्माण के संबंध में मुद्दा दर्ज किया गया था. सईद ने कथित तौर पर फर्जी डॉक्यूमेंट्स हासिल करने और सरकारी कागजात में हेराफेरी करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया. गिरफ्तारी के बाद, सईद को न्यायालय में पेश किया गया और बाद में हिरासत में भेज दिया गया. सईद की गिरफ्तारी से पहले मारूफ अनवर हाशमी को भी बलरामपुर पुलिस ने पकड़ा था.  गैरकानूनी रूप से निर्मित मकबरे की देखभाल करने वाले मारूफ को 1 अप्रैल, 2024 को एफआईआर दर्ज होने के तुरंत बाद अरैस्ट कर लिया गया था. वह सपा (सपा) के पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी के भाई हैं, जो अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2013 में सपा (सपा) के पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी ने पुलिस को धमकी देकर गैरकानूनी ढंग से थाने की जमीन पर कब्जा कर लिया था. इस स्थल पर ‘मजार शरीफ शहीद-ए-मिल्लत अब्दुल कुद्दूस शाह रहमतुल्लाह अलैह’ नाम से एक स्थायी कब्र का निर्माण किया गया था, जबकि इस जमीन का इस्तेमाल जवानों के लिए बैरक बनाने में होना था. यह मुद्दा विभिन्न कारणों से लंबे समय तक न्यायालय में लंबित रहा. हालांकि, बलरामपुर के वर्तमान पुलिस अधीक्षक आईपीएस केशव कुमार ने मुद्दे को गंभीरता से लिया और अपने अधीनस्थों को आरोपियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया. नतीजतन, सईद और मारूफ सहित सभी आरोपियों पर आईपीसी की धारा 420, 468, 120बी, 186, 434, 467 और 471 के साथ-साथ सार्वजनिक संपत्ति को हानि अधिनियम के अनुसार एक्शन हुआ है.

 

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