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मोदी सरकार के स्मार्ट विजन का नतीजा, भारत दुनिया में तीसरे पायदान पर…

नई दिल्ली: हिंदुस्तान में 2014 के बाद से स्टार्टअप की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है पीएम मोदी गवर्नमेंट की स्किल इण्डिया और स्टार्टअप इण्डिया मुहिम ने इसके लिए राष्ट्र के उद्यमशील युवाओं को प्रेरित किया है आंकड़ों की मानें तो इन वर्षों में राष्ट्र में स्टार्टअप की संख्या 300 से बढ़कर 1 लाख से अधिक हो गई है वहीं, इन स्टार्टअप को प्रारम्भ करने वालों में स्त्रियों की संख्या भी काफी अधिक है

एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि 2021-2022 में 172 अरब $ से बढ़कर राष्ट्र का कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और सेवाओं का निर्यात 2022-23 में 12.2 फीसदी बढ़कर 193 अरब $ पर पहुंच गया है इनमें आईटी संबद्ध सेवाओं और बीपीओ शामिल हैं इसमें आईटी सॉफ्टवेयर/सेवाओं का 126 अरब डॉलर, बीपीओ सेवाओं का 52 अरब डॉलर, सॉफ्टवेयर उत्पाद विकास का 5.1 अरब डॉलर, इंजीनियरिंग सेवाओं का 9 अरब $ का सहयोग है

 

भारतीय का आईटी उत्पाद अधिक से अधिक राष्ट्रों में जा रहा है इसके साथ ही भारतीय सॉफ्टवेयर निर्यात के लिए अमेरिका प्रमुख बाजार बना हुआ है हिंदुस्तान पूरे विश्व में 70 से अधिक राष्ट्रों को सॉफ्टवेयर निर्यात करता है इसके साथ ही दुनिया के सर्वश्रेष्ठ आईटी प्रोफेशनल्स भी भारतीय ही हैं वहीं, जिस रफ्तार के मोदी गवर्नमेंट राष्ट्र में सेमीकंडक्टर और सिलिकॉन चिप्स के उत्पादन को राष्ट्र में करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, उससे राष्ट्र में तेज गति से इस क्षेत्र में विकास की आसार बढ़ गई है

जबकि, एक दूसरी रिपोर्ट की मानें तो हिंदुस्तान का सॉफ्टवेयर निर्यात वित्त साल 2023 में 320 अरब अमेरिकी $ के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया, जिससे अंतरराष्ट्रीय कंप्यूटर सेवाओं के निर्यात में इसकी हिस्सेदारी लगभग 11% तक बढ़ गई बता दें कि हिंदुस्तान में आईटी सेक्टर सकल घरेलू उत्पाद में 9% सहयोग के साथ सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक है 2025 तक इसके 300-350 अरब अमेरिकी $ को पार करने की आशा है

आंकड़ों की मानें तो हिंदुस्तान ने अपने घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन को 2014-15 में 29 बिलियन अमेरिकी $ से बढ़ाकर 2022-23 में 101 अरब अमेरिकी $ तक पहुंचा दिया है, जो राष्ट्र के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 3.4% का सहयोग देता है हिंदुस्तान का स्टार्टअप इकोसिस्टम अब पूरे विश्व के राष्ट्रों में तीसरे जगह पर आ गया है इसके साथ ही राष्ट्र में 111 से अधिक यूनिकॉर्न की संख्या हो गई है इसमें से लगभग 47 फीसदी से अधिक स्टार्टअप व्यवसायों में महिलाएं निदेशक या सीईओ हैं पूरे विश्व के 5 शीर्ष यूनिकॉर्न वाले राष्ट्रों की सूची में संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, भारत, यूके और जर्मनी शामिल हैं यानी यूनिकॉर्न वाले राष्ट्रों में हिंदुस्तान के बाद चौथे जगह पर यूके और पांचवें जगह पर जर्मनी है

दरअसल, जिस भी स्टार्टअप की वैल्यू 1 अरब $ से अधिक हो जाती है, उसे यूनिकॉर्न स्टार्टअप बोला जाता है अब ऐसे में जब हिंदुस्तान पूरे विश्व में स्टार्टअप और यूनिकॉर्न स्टार्टअप दोनों में तीसरे पायदान पर है तो इससे रोजगार के अवसर पैदा होने के साथ ही निवेश की आसार में भी तेजी आई है ऐसे में हिंदुस्तान में जिस तरह से तेज गति से यूनिकॉर्न स्टार्टअप बन रहा है और 2015 तक इसके 150 तक हो जाने की आसार है उससे साफ लग रहा है कि हिंदुस्तान यूनिकॉर्न स्टार्टअप के मुद्दे में इस तेजी से विकास करता रहा तो वह ग्लोबल लीडर बन जाएगा

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