राष्ट्रीय
कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता ने ‘राजनीतिक समस्या’ दिया करार
पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ ने यह भी बोला कि हिंदुस्तान मिजोरम और मणिपुर में आम ग्रामीणों, सेना या पुलिस सहित म्यांमार से शरण चाहने वाले किसी भी आदमी को शरण दे रहा है, लेकिन उग्रवादी समूहों या नशीला पदार्थों के तस्करों के सशस्त्र कैडरों को नहीं।
हिंसा रोकने में हम काफी हद तक रहे सफल
उन्होंने कहा, जहां तक जमीनी स्थिति का प्रश्न है, इंडियन आर्मी का उद्देश्य प्रारम्भ में अपने घरों से विस्थापित हुए लोगों के लिए बचाव और राहत अभियान चलाना था।कलिता ने कहा, ‘इसके बाद, हम अत्याचार को रोकने की प्रयास कर रहे हैं, जिसमें हम काफी हद तक सफल रहे हैं। लेकिन दो समुदायों, मेइतेई और कुकी के बीच ध्रुवीकरण के कारण, यहां और वहां कुछ छिटपुट घटनाएं होती रहती हैं।’
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