राष्ट्रीय

कांग्रेस और जेडीएस को हास‍िल हुई थी 1-1 सीट पर जीत दर्ज

 आगामी लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Elections 2024) को लेकर सभी राजनीत‍िक दल अपनी-अपनी गोट‍ियां फ‍िट करने की मुह‍िम में जुट गए हैं चुनावों से पहले दलों का एक दूसरे के साथ गठबंधन करने का स‍िलस‍िला भी तेज हो गया है एनडीए और इंड‍िया गठबंधन के साथ दलों का गठजोड़ चुनावों से पहले गत‍ि पकड़ गया है हाल ही में जनता दल-सेक्युलर (JDS) ने नेशनल डेमोक्रेट‍िक अलायंस (NDA) के साथ गठबंधन करने का घोषणा क‍िया था अब समाचार आ रही है क‍ि इस गठबंधन के चलते जेडीएस कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों में से बीजेपी (BJP) से कम से कम 6 सीटें मांगेगी

2019 लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Polls) में बीजेपी ने कर्नाटक में 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि कांग्रेस पार्टी और जेडीएस ने 1-1 सीट जीती थी वहीं, न‍िर्दलीय उम्‍मीदवार के तौर पर सुमलता अंबरीश (Sumalatha Ambareesh) ने मांड्या लोकसभा क्षेत्र में जीत दर्ज की थी वहीं, आनें वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर सांसद सुमलता पहले ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के साथ गठबंधन करने के अपने निर्णय की घोषणा कर चुकी हैं

 

उधर, जेडीएस के प्रवक्ता टीए श्रवण ने भी पुष्टि की है क‍ि वो एनडीए गठबंधन के हिस्से के रूप में कम से कम 6 सीटें मांग रहे हैं उन्होंने बोला कि सीट बंटवारे पर फैसला, जेडीएस द्वारा मैदान में उतारे जाने वाले उम्मीदवारों के नाम और अन्य विवरण जेडीएस आलाकमान और बीजेपी शीर्ष नेतृत्व के बीच दूसरे दौर की बैठक में तय किए जाएंगे

राजनीत‍िक सूत्रों की माने तो एनडीए गठबंधन का ह‍िस्‍सा बनना उसके अस्तित्व की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है खास तौर पर उस वक्‍त जब हाल ही में कर्नाटक राज्‍य व‍िधानसभा चुनावों में उसको मात्र 19 सीटों पर संतोष करना पड़ा है वहीं उसको राज्‍य में सिर्फ़ 13 प्रतिशत वोट ही हास‍िल हुए हैं यह सब जेडीएस के ल‍िए झटका साब‍ित हुआ है

उधर, क्षेत्रीय पार्टी के सीन‍ियर नेता इस बात को भी स्‍वीकार कर रहे हैं क‍ि बीजेपी के साथ जाने का फैसला मुख्य रूप से स्वयं को ‘बचाने’ के लिए है लेकिन यह नयी साझेदारी रणनीतिक रूप से आनें वाले लोकसभा चुनावों में बीजेपी की संभावनाओं को मजबूत करने के मकसद से भी है

एचडी देवेगौड़ा (HD Deve Gowda) के परिवार के नेतृत्व वाले जेडीएस ने औपचारिक रूप से बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए (BJP-led NDA) में शामिल होने का फैसला वैचारिक रूप से दूसरे दलों के बीच मतभेदों के बाद सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श के बाद लिया है बीजेपी इस गठबंधन को पारंपरिक रूप से जेडीएस के प्रभुत्व वाले क्षेत्रों में हानि को कम करने और अंततः अपने स्वयं के मतदाता आधार का विस्तार करने के साधन के रूप में देखती है

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