DRDO बनाएगा स्वदेशी 5th जनरेशन फाइटर जेट
एक बड़े विकास में, राष्ट्र की सुरक्षा पर कैबिनेट समिति ने DRDO द्वारा किए जाने वाले उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट परियोजना को डिजाइन और विकसित करने की परियोजना को स्वीकृति दे दी है. सरकारी सूत्रों ने कहा कि लगभग 15,000 करोड़ रुपये की परियोजना के तहत, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की वैमानिकी विकास एजेंसी विभिन्न निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की एजेंसियों के साथ साझेदारी में स्टील्थ फाइटर जेट और इसकी प्रौद्योगिकियों का विकास करेगी और लगभग पांच सालों में लगभग पांच प्रोटोटाइप बनाएगी.
उन्होंने बोला कि परियोजना में सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड सहित उद्योग द्वारा निर्मित प्रोटोटाइप को देखा जाएगा. गवर्नमेंट स्वदेशी प्रौद्योगिकियों और सेना उद्योग के विकास की दिशा में काम कर रही है. रक्षा मंत्रालय की परिकल्पना है कि पांचवीं पीढ़ी की विमान परियोजना लाखों नौकरियां पैदा करेगी और भारतीय वायु सेना के ऑर्डर भारतीय संस्थाओं के लिए लाखों करोड़ रुपये का व्यवसाय पैदा कर सकते हैं और बड़े पैमाने पर नौकरियां भी पैदा कर सकते हैं.
नरेंद्र मोदी गवर्नमेंट के अनुसार भारतीय वायु सेना से स्वदेशी लड़ाकू विमान परियोजनाओं को बड़ा बढ़ावा मिला है क्योंकि गवर्नमेंट ने एलसीए मार्क-2 परियोजना के लिए इंजनों की स्वीकृति के साथ 200 से अधिक हल्के लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दिया है. आशा है कि 2030 के बाद एएमसीए को परिचालन भूमिकाओं में शामिल किया जाना प्रारम्भ हो जाएगा और पहले दो स्क्वाड्रनों को जीई-414 इंजनों द्वारा संचालित करने की योजना है, जबकि शेष स्क्वाड्रनों के लिए अधिक ताकतवर इंजनों को विकसित करने पर अभी भी चर्चा चल रही है.भारत में पांचवीं पीढ़ी के 200 से अधिक ताकतवर लड़ाकू विमानों को शामिल करने की आसार है और ये विमान हिंदुस्तान को राष्ट्र के भीतर लड़ाकू विमानों की भावी पीढ़ियों को विकसित करने में भी सहायता करेंगे