भारत के इन जगहों पर अलग- अलग अंदाज में मनाई जाती है होली
होली रंगों का त्योहार 25 मार्च को है। होली का उत्सव कई जगहों पर प्रारम्भ हो चुका है। हम आपको कुछ शहरों के बारे में बता रहे हैं जहां होली को भिन्न-भिन्न ढंग से मनाया जाता है। यदि आप भी इस होली में कहीं जाने का सोच रहे हैं तो हम आपको बताएंगे कि बनारस, मथुरा और पुष्कर की होली इतनी खास क्यों है, जिसका आनंद लेने के लिए लोग दूर-दूर से वहां आते हैं।
बनारस की होली
मासान होली काशी की बहुत ही मशहूर होली है। मासान होली को चिता की राख से खेला जाता है। मासान होली महादेव, देवों के देव, को समर्पित है। यह एक प्राचीन परंपरा है जो 18वीं सदी से चल रही है। माना जाता है कि भोलेनाथ मृतशरीर को बहुत पसंद करते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, रंगभरी एकादशी के दिन, ईश्वर शिव ने अपनी शादी के बाद माँ पार्वती को काशी लेकर आए थे। माँ पार्वती के आगमन के उत्सव के रूप में शिवगण शवदाह से होली खेलते थे। मासान होली को मृत्यु पर विजय का प्रतीक माना जाता है। मासान होली को शिवपुराण और दुर्गा सप्तशती में भी वर्णित किया गया है।
मथुरा की होली
मथुरा में होली एक महीने पहले ही प्रारम्भ हो जाती है। ईश्वर कृष्ण के जन्मस्थल पर भक्तों की भारी संख्या एकत्रित होती है। लोग होली के समय यहां जाने को अधिक पसंद करते हैंबल्कि यह एक सामाजिक, सांस्कृतिक और परंपरागत उत्सव भी है जो लोगों को एक साथ लाता है और उन्हें खुशियों के पलों का आनंद दिलाता है।
वृंदावन की होली
वृंदावन में फूलों की होली के साथ होली को बड़े उत्साह से मनाया जाता है। इसके लिए, बांके बिहारी मंदिर के दरवाजे खोले जाते हैं और लोगों को ईश्वर का दर्शन करने का मौका मिलता है। पुजारियों द्वारा सभी को फूल फेंके जाते हैं।
पुष्कर की होली
पुष्कर में उत्साह के साथ होली मनाई जाती है, इसीलिए होली के उत्सव के लिए कई लोग पुष्कर पहुंचते हैं। यहां पार्टियां आयोजित की जाती हैं जिनमें लोग संगीत और रंगों के साथ खेलने का आनंद लेते हैं।यह मेला हिंदुस्तान का सबसे बड़ा होली मेला है और यहां लाखों लोग एकत्रित होते हैं। इस मेले में रंग-बिरंगे बाजार, खास खाने की दुकानें, परंपरागत गीतों के साथ नृत्य, और अन्य विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है