केंद्र सरकार की ओर से नागरिकता कानून 2024 की अधिसूचना कर दी गई जारी
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र गवर्नमेंट की ओर से नागरिकता (संशोधन) कानून 2024 की अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसका मतलब यह है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) अब पूरे राष्ट्र में लागू हो गया है। इस कानून के तहत, तीन पड़ोसी राष्ट्रों – पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश – के गैर-मुस्लिम शरणार्थी अब भारतीय नागरिक बन सकते हैं। हालाँकि, कुछ जरूरी शर्तें हैं जिन्हें पूरा करना जरूरी है। उदाहरण के लिए, CAA नियमों के अनुसार, आवेदकों को नागरिकता के लिए आवेदन करने से पहले एक साल तक लगातार हिंदुस्तान में रहना जरूरी है।
यहां CAA के बारे में 10 प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं:
नागरिकता के लिए कौन पात्र होगा?
31 दिसंबर 2014 से पहले हिंदुस्तान आने वाले शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान की जाएगी। आवेदकों को यात्रा दस्तावेजों के बिना हिंदुस्तान में प्रवेश करने का साल बताना होगा। उन्हें हिंदुस्तान में प्रवेश के लिए आगमन का दिन, वीज़ा या आव्रजन टिकट जैसे विवरण प्रदान करने होंगे।
CAA प्रणाली कैसे काम करती है?
पूरी प्रक्रिया के लिए एक वेब पोर्टल बनाया गया है, जो पूरी तरह से औनलाइन है। आवेदकों को औनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन पहले जिला समिति, फिर सशक्त समिति के पास जाता है। मुख्य निदेशक (जनगणना संचालन) के नेतृत्व वाली अधिकार प्राप्त समिति 7 अन्य सदस्यों के साथ नागरिकता पर निर्णय करेगी।
CAA के अनुसार नागरिकता के लिए कौन से दस्तावेज़ जरूरी हैं?
भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए आवेदकों को औनलाइन फॉर्म में अनुसूची-1ए के अनुसार 9 प्रकार के डॉक्यूमेंट्स जमा करने होते हैं। अनुसूची-1बी के लिए 20 प्रकार के दस्तावेजों की जरूरत होती है, और अनुसूची-1सी के लिए शपथ पत्र की जरूरत होती है। आवेदकों को अपना पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र, शैक्षिक प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, भूमि संबंधी डॉक्यूमेंट्स आदि प्रदान करके यह साबित करना होगा कि वे इन तीन राष्ट्रों के गैर-मुस्लिम शरणार्थी हैं।
यदि कोई दस्तावेज़ नहीं हैं तो क्या होगा?
फॉर्म भरने के लिए दस्तावेजों का होना महत्वपूर्ण नहीं है। यदि किसी के पास कोई डॉक्यूमेंट्स नहीं है तो वह इसका कारण बता सकता है। यदि दस्तावेज़ मौजूद हैं, तो उन्हें मौजूद कराया जाना चाहिए। आवेदक जिस राज्य में रहते हैं, वहां की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
फॉर्म में कौन सी जानकारी जरूरी है?
ऑनलाइन फॉर्म में माता-पिता या पति/पत्नी का नाम, वे हिंदुस्तान में कब और कहां रह रहे हैं, वे कहां से आए हैं, हिंदुस्तान आने के बाद क्या कर रहे थे और उनका धर्म जैसे विवरण की जरूरत होती है।
क्या विवाहित और अविवाहित व्यक्तियों के लिए कोई अलग फॉर्म है?
वेब पोर्टल पर भिन्न-भिन्न फॉर्म हैं। यदि किसी ने हिंदुस्तान आकर किसी भारतीय से विवाह की है तो उस विवाह की जानकारी देनी होगी। बच्चों के लिए अलग फॉर्म भी मौजूद हैं।
यदि कोई आपराधिक रिकॉर्ड है तो क्या होगा?
यदि कोई आपराधिक रिकॉर्ड है, तो वह जानकारी प्रदान की जानी चाहिए। यदि गवर्नमेंट को लगता है कि ऐसे आदमी को नागरिकता देना जोखिम भरा हो सकता है तो उनका फॉर्म रद्द किया जा सकता है।
क्या नागरिकता रद्द की जा सकती है?
नहीं, नागरिकता रद्द करने का कोई प्रावधान नहीं है। गृह मंत्री अमित शाह भी कह चुके हैं कि CAA नागरिकता समाप्त करने का कानून नहीं है। CAA 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए छह गैर-मुस्लिम समुदायों को नागरिकता देने का प्रावधान करता है।
नागरिकता प्रमाणपत्र कैसे प्राप्त करें?
फॉर्म में सारी जानकारी देने के बाद वेरिफिकेशन करना होगा और हस्ताक्षर करने होंगे। फर्जीवाड़ा होने पर फॉर्म रद्द भी किया जा सकता है। एक बार जब गवर्नमेंट आवेदन को सत्यापित और स्वीकृति दे देती है, तो एक डिजिटल प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। यदि आवेदक को हार्ड कॉपी चाहिए तो मौजूद करा दी जाएगी। प्रमाणपत्र डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित या सक्षम समिति के अध्यक्ष द्वारा हस्ताक्षरित होगा।
नागरिकता के लिए क्या शर्तें रहेंगी?
भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के इच्छुक लोगों को पात्र होने के लिए आवेदन तिथि से कम से कम 12 महीने पहले राष्ट्र में रहना जरूरी है। इन 12 महीनों के दौरान और पिछले आठ सालों में, आवेदकों को भारतीय नागरिकता के लिए पात्र होने के लिए राष्ट्र में कम से कम छह वर्ष बिताने होंगे।
आवेदकों को अपने आवेदन में यह भी घोषित करना होगा कि वे अपनी मौजूदा नागरिकता को ‘अपरिवर्तनीय रूप से’ त्याग रहे हैं और वे हिंदुस्तान को अपना ‘स्थायी घर’ बनाना चाहते हैं।
आवेदकों को उप-नियम (1) के अनुसार किए गए प्रत्येक आवेदन में यह भी घोषित करना होगा कि वे अपने राष्ट्र की नागरिकता छोड़ रहे हैं और भविष्य में कोई दावा नहीं करेंगे।
नियम इन उप-श्रेणियों के लिए भिन्न-भिन्न आवेदन पत्र प्रदान करते हैं, अर्थात्, भारतीय मूल का व्यक्ति, भारतीय नागरिक से विवाहित व्यक्ति, भारतीय नागरिक का नाबालिग बच्चा, भारतीय माता-पिता वाला व्यक्ति, वह आदमी जो स्वतंत्र हिंदुस्तान का नागरिक था। या उसके माता-पिता, हिंदुस्तान के प्रवासी नागरिक के रूप में दर्ज़ व्यक्ति, और देशीयकरण के माध्यम से नागरिकता चाहने वाला व्यक्ति।
प्राकृतिकीकरण के माध्यम से नागरिकता चाहने वाले आवेदकों को आवेदन में दिए गए बयानों को सत्यापित करने वाला एक हलफनामा प्रस्तुत करना होगा। उन्हें अपने चरित्र की पुष्टि करते हुए एक भारतीय नागरिक से एक हलफनामा भी जमा करना होगा।
सभी स्वीकृत आवेदकों को ‘कानून द्वारा स्थापित हिंदुस्तान के संविधान के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा रखने’ के प्रति निष्ठा की शपथ लेनी होगी और वे ‘ईमानदारी से’ हिंदुस्तान के कानूनों का पालन करेंगे और अपने कर्तव्यों को ‘पूरा’ करेंगे।
नागरिकता प्रक्रिया क्या होगी?
एक नामित अधिकारी आवेदक को निष्ठा की शपथ दिलाएगा। इसके बाद, वे शपथ पर हस्ताक्षर करेंगे और दस्तावेजों के सत्यापन के लिए इसे सहायक दस्तावेजों के साथ अधिकार प्राप्त समिति को सौंप देंगे। यदि कोई आवेदक ऐसा करने का अवसर दिए जाने के बावजूद आवेदन पर हस्ताक्षर करने और शपथ लेने के लिए पर्सनल रूप से मौजूद होने में विफल रहता है, तो जिला-स्तरीय समिति ऐसे आवेदनों को अधिकार प्राप्त समिति को विचार के लिए संदर्भित करेगी कि क्या एक उपयुक्त और मुनासिब आदमी इसके लिए योग्य है या नहीं पंजीकरण या प्राकृतिकीकरण या नहीं। आवेदन में दिए गए बयानों के सत्यापन और संतुष्टि से संतुष्ट होने के बाद, अधिकार प्राप्त समिति आवेदक को भारतीय नागरिकता प्रदान कर सकती है।