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Archery WC: फाइनल से पहले भारतीय कोच किए गए थे निलंबित, पहली बार हुआ ऐसा मामला

विश्व कप में प्रशिक्षकों की भारी भूल के बावजूद तीरंदाजों ने स्वर्णिम प्रदर्शन किया. फाइनल के दौरान भारतीय तीरंदाजों के साथ प्रशिक्षकों को जाने से रोक दिया गया. बावजूद इसके तीरंदाजों ने पांच स्वर्ण समेत आठ पदक जीत विश्वकप में अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन किया. आर्चरी फील्ड में एक से अधिक प्रशिक्षकों की मौजूदगी पर आयोजकों ने प्रशिक्षकों को न केवल निलंबित किया बल्कि उन पर आर्थिक जुर्माना भी ठोका है. आयोजकों ने तीसरी चेतावनी में भारतीय कोचेज को आर्चरी फील्ड में जाने से रोका और जुर्माना लगाया.

 

तीसरी गलती पर की गई कार्रवाई

 

नियमों के मुताबिक आर्चरी फील्ड (एफओपी) में टीम के साथ केवल एक कोच को जाने की इजाजत होती है. यह प्रशिक्षक तीरंदाज के पीछे खड़ा होकर उसे निर्देश देता है. सूत्रों की मानें तो मुकाबले के दौरान कोच की मौजूदगी के बावजूद एक अन्य वरिष्ठ कोच भी एफओपी में चले गए. इस पर उन्हें पहली चेतावनी दी गई, लेकिन इस बारे में साथी कोचेज को नहीं कहा गया. अगले मुकाबले में दूसरा कोच एफओपी में चला गया. इस पर छोटा आर्थिक दंड लगाया गया, लेकिन तीसरी बार जब यह गलती दोहराई गई तो न केवल आर्थिक जुर्माना बढ़ाया गया बल्कि टीम के साथ किसी भी कोच को एफओपी में जाने से रोक दिया गया. जिसके चलते भारतीय तीरंदाजों को बिना कोच के फाइनल खेलने पड़े.

 

 

सूत्रों की मानें को जुर्माना एक लाख रुपये के आसपास है. तीरंदाजी संघ के एक पदाधिकारी का बोलना है कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि कोचेज को निलंबित कर आर्थिक जुर्माना लगाया गया हो. मैनेजर से रिपोर्ट मांगी गई है. इसकी समीक्षा के बाद कार्रवाई की जाएगी.

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