40 साल बाद भी कोई नहीं तोड़ सका कपिल देव का ये टेस्ट रिकॉर्ड
नई दिल्ली। बोला जाता है कि रिकॉर्ड टूटने के लिए ही बनते हैं। क्रिकेट के कई बड़े रिकॉर्ड समय गुजरने के साथ अतीत की बात बन चुके हैं। लेकिन इसके उल्टा कुछ रिकॉर्ड ऐसे भी हैं जो कई वर्ष गुजरने के बाद भी अब तक नहीं टूट सके हैं। इसमें महान हरफनमौला कपिल देव (Kapil Dev) का रिकॉर्ड भी शामिल हैं जिसे 40 वर्ष गुजरने के बाद भी अब तक कोई तोड़ नहीं सका है। कपिल ने यह रिकॉर्ड साल 1983 में वेस्टइंडीज के विरुद्ध बनाया था। 1983 में 12 से 16 नवंबर के बीच अहमदाबाद में हुए मैच में बतौर कप्तान कपिल ने जो गेंदबाजी विश्लेषण दर्ज किया था, वह अब तक टेस्ट क्रिकेट में किसी कप्तान का पारी का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी विश्लेषण है।
इस मैच की दूसरी पारी में कपिल ने 30.3 ओवर में 83 रन देकर 9 विकेट हासिल किए थे। यह अब तक टेस्ट में किसी कैप्टन का पारी का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन है। यह अलग बात है कि कपिल के इस प्रदर्शन के बावजूद भारतीय टीम को मैच में 138 रन की हार का सामना करना पड़ा था। पारी के दौरान कपिल ने गॉर्डन ग्रीनिज को बोल्ड करके विकेट लेने का सिलसिला प्रारम्भ किया था और इसके बाद विव रिचर्ड्स, लेरी गोम्स, गस लोगी, क्लाइव लॉयड, जेफ डूजोन, मैल्कम मार्शल, वेन डेनियल और माइकल होल्डिंग के रूप में अगले 8 विकेट भी झटके थे। पारी का पहला विकेट डेसमंड हेंस के रूप में गिरा था, यह विकेट बलविंदर संधू ने लिया था जो कपिलदेव के अतिरिक्त पारी में विकेट लेने वाले दूसरे बॉलर बने थे।
कप्तान के तौर पर पारी में 8 विकेट भी ले चुके
कपिल के अतिरिक्त अब तक कोई कप्तान पारी में 9 विकेट लेने का कारनामा अंजाम नहीं दे सका है। बतौर कप्तान कपिल पारी में 9 विकेट लेने के अतिरिक्त एक बार पारी में 8 विकेट भी हासिल कर चुके हैं। उन्होंने दिसंबर 1985 में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध एडिलेड टेस्ट में 108 रन देकर 8 बैटरों को पवेलियन लौटाया था। पाकिस्तान के इमरान खान और श्रीलंका के रंगना हेराथ कप्तान के तौर पर पारी में आठ विकेट लेने वाले अन्य बॉलर हैं। इमरान ने दिसंबर 1982 में कराची टेस्ट में हिंदुस्तान के विरुद्ध (8/60) और हेराथ ने नवंबर 2016 में जिम्बाब्वे के विरुद्ध (8/63) हरारे में पारी में आठ विकेट लिए थे।
1994 में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले बॉलर बने थे
कपिल देव साल 1994 में न्यूजीलैंड के रिचर्ड हेडली को पीछे छोड़कर टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले बॉलर बने थे। संयोग देखिए उन्होंने उसी मोटेरा स्टेडियम में हेडली का 431 विकेट का रिकॉर्ड तोड़ा था जहां उन्होंने वेस्टइंडीज के विरुद्ध कप्तान के तौर पर पारी में 9 विकेट लेने की उपलब्धि हासिल की थी। कपिल ने श्रीलंका के हसन तिलकरत्ने को संजय मांजरेकर के हाथों कैच कराकर 432वां विकेट हासिल किया और हेडली के रिकॉर्ड को अपने नाम किया था। 131 टेस्ट में 29.64 के औसत से 434 विकेट लेने वाले कपिल के इस रिकॉर्ड को अब तक 10 बॉलर पीछे छोड़ चुके हैं, इसमें हिंदुस्तान के अनिल कुंबले (619 विकेट) और रविचंद्रन अश्विन (516 विकेट) भी शामिल हैं। श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन के नाम टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट दर्ज हैं, उन्होंने 133 टेस्ट में 22.72 के औसत से 800 विकेट लिए थे।
कप्तान के तौर पर मैच में सर्वाधिक विकेट वॉल्श के नाम
कपिल ने भले ही कप्तान के तौर पर पारी में सर्वाधिक विकेट लिए हैं लेकिन बतौर कप्तान किसी टेस्ट में सर्वाधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के कर्टनी वॉल्श के नाम पर है। तेज गेंदबाज वॉल्श ने साल 1995 में न्यूजीलैंड के विरुद्ध वेलिंगटन टेस्ट में 55 रन देकर 13 विकेट (पहली पारी में 7 और दूसरी पारी में 6 विकेट) लिए थे। पाकिस्तान के वकार यूनुस और श्रीलंका के रंगना हेराथ भी कप्तान के तौर पर मैच में 13-13 विकेट हासिल कर चुके हैं लेकिन इन दोनों ने वॉल्श से अधिक रन दिए थे। वकार ने 1993 में जिम्बाब्वे के विरुद्ध कराची टेस्ट में 135 रन देकर 13 और हेराथ ने 2016 में जिम्बाब्वे के ही विरुद्ध हरारे में हुए टेस्ट में 152 रन देकर 13 विकेट अपने नाम किए थे। इसके बाद पाकिस्तान के फजल महमूद का स्थान आता है जिन्होंने 1959 में वेस्टइंडीज के विरुद्ध ढाका टेस्ट में पाकिस्तान की कप्तानी करते हुए 100 रन देकर 12 विकेट हासिल किए थे।