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Rohit Sharma: जानें, ‘हिटमैन’ कैसे बना गली ब्वॉय

Rohit sharma entire struggle story: हिंदुस्तान में सभी के उपर अभी इंडियन प्रीमियर लीग का फीवर चढ़ा हुआ है वहीं सभी खिलाड़ी इंडियन प्रीमियर लीग खेलने में मस्त है वहीं बात की जाए भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा की तो वो भी अपनी टीम मुंबई इंडियंस के तरफ से खेलते हुए नजर आ रहे हैं खास बात तो यह है कि वह इस बार मुम्बई इंडियंस की कप्तानी नहीं कर रहे हैं इस बार मुंबई की कमान हार्दिक पांड्या संभाल रहे हैं बता दें, रोहित ने अपनी कप्तानी में टीम को पांच बार इंडियन प्रीमियर लीग का खिताब भी दिलाया है चलिए इसी बीच जानते हैं रोहित के गली लेकर ‘हिटमैन’ बनने की  कहानी कैसे एक गली का बच्चा क्रिकेट की दुनिया का हिटमैन रोहित शर्मा बन गया अपने मेहनत के दम पर रोहित ने अपनी मुकाम तो हासिल की, साथ ही उन्होंने कई लोगों को सतर्क भी किया तो चलिए जानते हैं उनकी पूरी कहानी

रोहित शर्मा जब 12 वर्ष के थे तो उनके पिता और उनके मित्रों ने पैसे उधार लेकर उनका नामांकन बोरीवली के एक क्रिकेट अकादमी में करवाया था उस समय उस अकादमी के कोच दिनेश लाड थे उन्होंने उस दौरान रोहित को खेलते हुए देखा उस समय रोहित ऑफ-स्पिन गेंदबाजी करते थे रोहित की गेंदबाजी से प्रभावित होकर दिनेश लाड ने उनके चाचा से वार्ता करना ठीक समझा रोहित उस आमे अपने दादा-दादी और चाचा रवि शर्मा के साथ रहते थे कोच दिनेश लाड ने रोहित के चाचा से वार्ता करके रोहित का नामांकन स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल विद्यालय में करवा दिया रोहित अपनी फीस माफ कराने में भी सफल रहे इस बीच रोहित जल्द ही अपने दमदार खेल की बदौलत विद्यालय मैनेजमेंट और क्षेत्रीय क्रिकेट कम्युनिटी की नजरों में भी आ गए यहां से रोहित के क्रिकेट का यात्रा प्रारम्भ हुवा

Rohit sharma’s entire struggle story: इस तरह रोहित बने बल्लेबाज

एक दिन कोच दिनेश लाड ने रोहित को मैदान पर अपनी बल्लेबाजी के स्ट्रोक्स को शैडो प्रैक्टिस करते हुए देखा जिसे देखकर दिनेश को पता चला की रोहित शर्मा गेंदबाजी के अतिरिक्त बल्लेबाजी भी कर सकते हैं जिसके बाड लाड ने रोहित की बल्लेबाजी पर भी ध्यान देना प्रारम्भ कर दिया लाड के दिए गए निर्देशों पर चलकर रोहित बल्लेबाजी में भी माहिर होते गए देखते ही देखते अंडर-16 चयन ट्रायल आ गया रोहित ने अंडर-16 का ट्रायल दिया मगर उनका चयन अंडर-16 में नहीं हुवा जिसके कारण रोहित को शुरुआती असफलताओं का सामना करना पड़ा जिसके बाद बीसीसीआई ने उम्र वर्ग को अंडर-15 और अंडर-17 में बदल दिया, जिससे उन्हें एक अतिरिक्त वर्ष की अनुमति मिल गई इस दौरान उनकी प्रतिभा निखर कर सामने आई उन्हें मुंबई के चयन ट्रायल के दौरान प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट के खिताब से नवाजा गया था

Rohit sharma’s entire struggle story: अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण

रोहित शर्मा ने अपना तरराष्ट्रीय पदार्पण इंग्लैंड के विरुद्ध पहले टी-20 वर्ल्ड कप (2007) के दौरान किंग्समीड में किया था इसी मुकाबले में युवराज सिंह ने स्टुअर्ट ब्रॉड की गेंद पर छह छक्के जड़े थे बता दें, रोहित ने इस मैच में डेब्यू जरूर कर लिया था पर उन्हें टीम के तरफ से बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला था वहीं उसके बाद खेले गए दूसरे मुकाबले में रोहित को बल्लेबाजी का मौका मिला और उन्होंने इस मौके को ठीक तरीका से भुनाया उन्होंने अपनी पारी में अर्धशतक जड़ा जिसके बाद रोहित ने पाक के विरुद्ध फाइनल मुकाबले में 16 गेंदों पर 30 रनों की अंधाधुन्ध पारी खेलकर हिंदुस्तान को पहला टी-20 चैंपियन बनाने में अहम किरदार निभाई थी

Rohit sharma’s entire struggle story: यहां से प्रारम्भ हुआ रोहित का ‘हिटमैन’ बनने का सफर

साल 2007 में भारतीय टीम में अपनी स्थान बने के बावजूद रोहित को 2011 में खेले गए वनडे विश्व कप में स्थान नहीं मिली जिसके बाद मैदान पर एक नया रोहित शर्मा देखने को मिला मिडिल-ऑर्डर बैटर को ओपनिंग में प्रमोट किया गया और मौजूदा समय में वह न केवल गेंदबाजों की जमकर समाचार ले रहे हैं बल्कि हर वर्ष हिंदुस्तान के लिए बहुत बढ़िया प्रदर्शन भी करते हुए दिखे

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