उत्तर प्रदेश

आगरा में होटल ब्रदर पैलेस में आठवीं की छात्रा के साथ हुआ गैंगरेप

उत्तर प्रदेश के आगरा में हाथरस मार्ग स्थित होटल ब्रदर पैलेस में आठवीं की छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना हुई. 24 घंटे से अधिक समय तक छात्रा को होटल के कमरा नंबर आठ में बंधक बनाकर रखा गया. तीनों आरोपित होटल के कर्मचारी हैं. एक कर्मचारी ने छात्रा को अपने जाल में फंसाया है. वह होटल का शैफ है. पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़ लिया है. तीसरा फरार है. उसकी तलाश की जा रही है. ताजनगरी में 24 घंटे में गैंगरेप की यह दूसरी घटना है. छात्रा खंदौली क्षेत्र की निवासी है. 13 वर्ष की है. इस साल उसने आठवीं की परीक्षा दी है. टेढ़ी बगिया क्षेत्र स्थित एक विद्यालय में पढ़ती है.

अपनी सहेलियों के साथ वह होटल ब्रदर पैलेस में पीजा, बर्गर और चाऊमीन खाने जाती थी. प्रकाश नगर निवासी टिंकू गुप्ता होटल का शेफ है. उसने होटल के बाहर फास्ट फूड का एक काउंटर भी लगा रखा है. टिंकू गुप्ता ने एक माह पहले छात्रा को अपने जाल में फंसा लिया. उससे दोस्ती कर ली. छात्रा ने पुलिस को कहा कि एक माह पहले टिंकू उसे होटल के कमरे में ले गया था, वहां उसके साथ गलत काम किया. उससे बोला कि किसी से कम्पलेन की तो जान से मार देगा. 15 मार्च को वह अपने विद्यालय आई थी. वापस लौटते समय आरोपित टिंकू गुप्ता उसे मिला. दबाव बनाकर उसे अपने साथ होटल में ले गया, वहां उसके साथ दुराचार किया. उसे कमरे में बंधक बना लिया. रातभर वह कमरे में कैद रही. 16 मार्च को कमरे में प्रमोद और लक्की आए.

उन्होंने भी बारी-बारी से उसके साथ दुराचार किया. घटना के बाद दोनों कमरे से चले गए. जाते समय दरवाजा बाहर से बंद करना भूल गए. मौका मिलने पर वह होटल से भाग निकली. अपने घर पहुंची. एसओ ट्रासयमुना सुमनेश विकल ने कहा कि छात्रा अपने परिजनों के साथ पहले खंदौली पुलिस स्टेशन गई थी. रविवार की रात ट्रांसयमुना थाना आई. पुलिस ने तहरीर पर केस दर्ज किया. पीड़िता को मेडिकल के लिए भेजा. एसीपी छत्ता हेमंत कुमार ने कहा कि गैंगरेप की धारा के अनुसार केस दर्ज किया गया है. पुलिस ने टिंकू और प्रमोद को पकड़ लिया है. लक्की की तलाश में दबिश दी जा रही है. उसे भी जल्द पकड़ लिया जाएगा.

होटल के विरुद्ध क्यों नहीं हुई कार्रवाई

गैंगरेप के आरोपित टिंकू, प्रमोद और लक्की होटल ब्रदर पैलेस के कर्मचारी हैं. होटल में छात्रा के साथ गैंगरेप हुआ. उसे वहां बंधक बनाकर रखा गया. पुलिस ने होटल के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की है. प्रश्न यह उठता है कि होटल के अन्य कर्मचारियों ने क्या देखा. मैनेजर को क्यों पता नहीं चला कि कमरा नंबर आठ में किसी को कैद करके रखा गया है. यह प्रश्न उठ रहे हैं. ट्रांसयमुना थाना पुलिस ने होटल का रजिस्टर कब्जे में लिया है. होटल में कमरा किसी के नाम बुक नहीं था. कमरा ग्राहकों के लिए है. उसमें कर्मचारी नहीं रहते हैं. कर्मचारी एक किशोरी को 24 घंटे से अधिक समय तक बंधक बनाकर रखते हैं. होटल के मैनेजर, मालिक और अन्य कर्मचारियों को इसकी जानकारी नहीं हुई. आखिर क्यों. अभी पुलिस के पास इन प्रश्नों के उत्तर नहीं हैं. पुलिस को अभी यह भी नहीं पता है कि होटल का मैनेजर कौन है. पुलिस को केवल इतना पता है कि होटल मालिक कोई आकाश है.

फोरेंसिक टीम ने जुटाए साक्ष्य

पुलिस ने फोरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया था. फोरेंसिक टीम ने होटल के कमरे में छानबीन के बाद कई साक्ष्य जुटाए हैं. पुलिस ने होटल के कमरा नंबर आठ का ताला बंद कर दिया है. फोरेंसिक टीम को घटना के समय बिस्तर पर बिछा हुआ चादर नहीं मिला. उसे धो दिया गया था.

पुलिस ने डीवीआर कब्जे में लिया

होटल में सीसीटीवी लगे हैं. पुलिस ने डीवीआर कब्जे में लिया है. रिकार्डिंग बाद में देखी जाएगी. पुलिस का मानना है कि छात्रा के होटल में आने के फुटेज मिल जाएंगे. यह डिजिटल साक्ष्य का काम करेंगे.

तलाश में भटकते रहे परिजन

छात्रा के पिता ने कहा कि बेटी 15 की शाम तक जब घर नहीं आई तो उन्हें चिंता हुई. रातभर बेटी की तलाश करते रहे. पहले लगा कहीं वह गुस्सा होकर किसी रिश्तेदारी में तो नहीं चली गई. संबंधियों से संपर्क किया. कई स्थान देखने गए. 16 की शाम बेटी घर लौटकर आई तो उसकी हालत देखकर होश उड़ गए. बेटी ने घटना बताई तो पैरों तले जमीन खिसक गई. हौसला जुटाकर दूसरे दिन 17 मार्च को वे पहले खंदौली पुलिस स्टेशन गए. वहां सुनवाई नहीं हुई. उन्हें वहां से ट्रांसयमुना पुलिस स्टेशन भेज दिया गया. ट्रांसयमुना थाना पुलिस ने केस लिखा.

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