उत्तर प्रदेश

लंदन से पढ़ी इकरा हसन गली-गली कर रही प्रचार, बोलीं…

कैराना यूपी में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए चुनाव प्रचार चरम पर है पश्चिमी यूपी की कैराना सीट से इस बार 27 वर्षीय इकराना हसन सपा से चुनाव लड़ रही हैं इकराना ने लंदन से मास्टर कोर्स किया है और वहीं से पीएचडी कर रही थीं लेकिन नसीब को कुछ और ही मंजूर था अब वह कैराना की गलियों में घूम-घूमकर अपने लिए वोट मांग रही हैं

कैराना में मुस्लिमों की जनसंख्या सबसे अधिक है कुछ वर्ष पहले कैराना पूरे राष्ट्र में सुर्खियों में तब आया था कि जब यहां ‘हिंदुओं के पलायन’ का हल्ला मचा था इस बारे में इकराना कहती हैं, ‘कैराना से कभी हिंदुओं का पलायन नहीं हुआ बात दरअसल यह है कि कुछ हिंदू परिवार बड़े शहरों में अपने व्यवसाय के लिए सिलसिले में चले गए यह एक स्वभाविक प्रकिया है और यह हर स्थान होती है यह सिर्फ़ कैराना में नहीं हुई

वह आगे कहती हैं, ‘बीजेपी ने इसे बड़ा मामला बना लिया और इस मामले के सहारे वोट हासिल करने की प्रयास की यह एक प्रोपेगैंडा था, जिसे 2017 और 2022 के चुनाव में यहां के लोगों ने नकार दिया अब तो क्षेत्रीय मीडिया ने भी इस मामले पर ध्यान देना बंद कर दिया है क्योंकि यह कोई समस्या ही नहीं है

गौरतलब है कि 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में कैराना सीट से इकरा हसन के भाई नाहिद हसन ने जीत दर्ज की थी 2022 में नाहिद ने यह चुनाव कारावास से जीता था

लंदन से कैराना का सफर
दिल्ली के एलएसआर कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद इकरा हसन अंतर्राष्ट्रीय राजनीति और लॉ में मास्टर डिग्री हासिल करने के लिए लंदन चली गई थीं उनके पिता मनव्वर हसन और मां तबस्सुम भी सांसद रहे हैं इकरा ने मीडिया को कहा कि राजनीति में उनकी एंट्री बहुत ही अप्रत्याशित ढंग से हुई वह कहती हैं, ‘मेरे कुछ और सपने थे मैंने लंदन से मास्टर्स किया और 2020 में पीएचडी के लिए नामांकन करा लिया था लेकिन कोविड-19 के चलते मैं कुछ दिनों के लिए घर आ गई और तब से यहीं पर हूं

इस तरह से हुई राजनीति में आने की शुरुआत
वह बताती हैं, ‘2021 में मेरे भाई नाहिद और मेरी मां को कारावास हो गई घर की स्थिति बहुत ही संकटपूर्ण हो गई मेरी मां और मेरे भाई को झूठे मुकदमा में फंसाया गया नाहिद का चुनाव बहुत निकट था, इसलिए मुझे घर पर रुकना पड़ा और सहायता करनी पड़ी क्योंकि वह कारावास में था इस तरह से राजनीति में मेरे आने की आरंभ हुई मेरे भाई को कारावास से बाहर आने में पूरा एक वर्ष का समय लगा इसलिए पिछले एक वर्ष से, उनकी विधायकी से जुड़े सभी कामकाज मैंने ही देखे इस दौरान, लोगों से मेरा जुड़ाव हो गया और अब मुझे लोगों की सेवा करना अच्छा लगने लगा अब मैं चुनाव लड़ रही हूं और मुझे अपनी जीत की पूरी आशा है

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