इन सब्जियों की खेती कर किसानों को हो रहा डबल मुनाफा
कन्नौज: खेती के क्षेत्र को मजबूत करने के लिए एक्सपर्ट लगातार कई तरह के पौध तैयार कर रहे हैं, जो किसानों के लिए बेहतर हो। उन पौधों की खेती का ठीक तरीका भी एक्सपर्ट द्वारा लगातार किसानों को कहा जा रहा है। साथ ही अधिक फायदा देने वाली खेती के लिए किसानों को सतर्क भी किया जाता है। ऐसे ही कन्नौज के उमर्दा क्षेत्र में बने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल में इजरायली पद्धति से कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए पौध तैयार किए हैं। इन सब्जियों की खेती कर किसान अपनी आय को कई गुना अधिक बढ़ा सकते हैं।
उमर्दा क्षेत्र में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल बना हुआ है। यहां इंडो इजरायल प्रोजेक्ट लगा है। जहां पर अत्याधुनिक इजराइल पद्धति से शाक सब्जी के उन्नत पौध तैयार किए जाते हैं। यहां किसान अपने पौध ऑर्डर देकर भी तैयार करा सकते हैं। या फिर हल्की रेट पर खरीद सकते हैं।
दो ढंग से किसान को मिल सकते हैं पौध
इस एक्सीलेंस सेंटर से किसान दो ढंग से पौध ले सकते हैं। एक तो किसान अपना आर्डर एक्सीलेंस सेंटर जाकर बुक कर सकते हैं। या फिर जिला उद्यान विभाग में ऑर्डर बुक कराना होगा। फिर किसान को जिस शाक सब्जी का पौध चाहिए उसके बीज मौजूद करा दे। यदि किसान बीज मौजूद कराते हैं तो किसान को ₹1 प्रति हिसाब से पौध मिल जाएगा। किसान यदि अपने मन माफिक सब्जी का पौध लेना चाहते हैं। और वह बीज दिए बिना पौध खरीदना चाहते हो तो उनको ₹2 प्रति हिसाब से शाक-सब्जी का पौध मिलेगा।
किसानों को हो रहा डबल मुनाफा
जायद के मौसम में होने वाले सब्जियों के करीब 3 लाख पौध इस केंद्र में तैयार कर लिए गए हैं। इस समय सेंटर आफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल में कद्दू वर्गीय सब्जियों की पौध तैयार की गई है। इसमें लौकी, तोरई, कद्दू, खीरा, ककड़ी, तरबूज, खरबूजा, टमाटर, भिंडी, बैंगन, मिर्च जैसी सब्जियों की पौध तैयार है, जिन्हें किसान खरीद सकते हैं।
क्या कहे अधिकारी
जिला उद्यान अधिकारी सीपी अवस्थी ने कहा कि हमारे इस वेजिटेबल सेंटर पर अत्यधिक इजराइल पद्धति से पौध को तैयार किया जाता है। जो किसानों के लिए कई तरह से लाभ वाला है। पहले तो किसानों को पौध तैयार करने में जो परेशानी आती है उस परेशानी का निवारण यहां पर मिलता है। यहां पर जो पद्धति से पौध को तैयार किया जाता है वह अलग और बहुत खास है। ऐसे में पौध में सारे गुणकारी तत्व समाहित होते हैं। पौध में किसी तरह के कोई भी कीट लगने की कोई आसार नहीं होती है। क्योंकि, यह जमीन से ऊपर मिट्टी में बनाया जाता है। इस पौध की मूल्य भी बहुत साधारण रहती है।