उत्तर प्रदेश

इंडियन आइडल विजेता वैभव बोले…

गायकी में आवाज की रूमानियत और सूफियाना अंदाज की मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री को आवश्यकता है मेरी कामयाबी में इसी सूफियाना अंदाज का सहयोग है हालांकि भारतीय आइडल बनने की मेरी ये कामयाबी रातों-रात में हासिल नहीं हुई इसके लिए कई वर्षों की संगीत की साधना और सुरों का रियाज है वो रियाज, जिसे मैं अपनी हर असफलता के बाद बढ़ाता चला गया गीत-संगीत की दुनिया में कुछ कर दिखाने का यही जुनून मेरी कामयाबी का कारण बना ये बोलना है, भारतीय ऑइडल-14 के विजेता वैभव गुप्ता का, जो मंगलवार शाम अपने पिता विष्णु गुप्ता के साथ फजलगंज स्थित मीडिया के कार्यालय आए थे

मो रफी साहब के गाने के सुरों को पकड़ने के लिए दो सौ बार सुना

 

मैं नानकारी, कानपुर का हूं लेकिन मेरी आवाज को सुनने के बाद सभी मुझे राजस्थान का समझ लेते थे लोग कहते थे आवाज में वही सूफियानापन है, जो राजस्थान या हरियाणा के गायकी में देखने को मिलता है मैंने गायन बड़े गायकों को सुनकर सीखा है कई बार गीत के सुरों को साधने में घंटों लग जाते हैं मो रफी साहब का गाया गीत अहसान तेरा होगा मुझ पर… के सुरों को सीखने के लिए उस गीत को करीब दो सौ बार से अधिक बार गुनगुनाया, तब मन भर गा सका

सुखविंदर ने स्वयं पहनाए जूते तो विश्वास नहीं हुआ

 

जब मैं काफी छोटा था, तब एक बार गायक सुखविंदर सिंह आईआईटी के कार्यक्रम में आए थे, मैं जाना चाहता था लेकिन जा नहीं पाया उस रात उनके गीतों को मैंने छत पर खड़े हाेकर सुना उन्हीं सुखविंदर सिंह से जब भारतीय आइडल के सेट पर मुलाकात हुई तो उन्होंने मेना गाना सुनने के बाद मुझे जूते पहनाए, तो विश्वास नहीं हुआ कि मेरे आदर्श इस तरह से सम्मानित कर सकते हैं ऑडिशन में जाने से पहले बाबा आनंदेश्वर का आशीर्वाद लिया था पुरस्कार में मिली रकम से मुंबई में अपना स्टूडियो खोलेंगे परफार्मेंस देने का अंदाज शशांक दीक्षित से और क्लासिकल गाने की विधा अनंत गुप्ता से सीखी नए गायकों को चाहिए कि वह तानपुरा का इस्तेमाल रियाज में करें इसमें कोई एक स्केल लगाकर सा को साधने की प्रयास करें, सा सधगया तो समझो सब सध गया

 

26 जनवरी के कार्यक्रम में इस कोने में बैठा था पापा

 

अमर उजाला कार्यालय आने पर वैभव ने कहा कि जब वह छह वर्ष के थे, तब 26 जनवरी के अवसर पर मीडिया कार्यालय में गायन प्रतियोगिता हुई थी इसमें भाग लेने के लिए वह आए थे साथ आए पिता और दोस्तों को उस स्थान को दिखाते हुए कहे तब उस कार्यक्रम में मैं यहां बैठा था आज फिर आने का मौका मिला काफी अच्छा लगा

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