उत्तर प्रदेश

मुख्तार अंसारी को बांदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती के दौरान हुयी मौत

लखनऊ: गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की गुरुवार 28 मार्च को कारावास में तबीयत बिगड़ने के बाद मृत्यु हो गई. पेट में दर्द की कम्पलेन के बाद अंसारी को बांदा के बांदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में स्थानांतरित किया गया था. हॉस्पिटल के मुताबिक, दिल का दौरा पड़ने के बाद उपचार के दौरान अंसारी की मृत्यु हो गई.

अस्पताल में भर्ती होने के बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था. हालांकि, उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें सीसीयू में शिफ्ट कर दिया गया. हॉस्पिटल ने बोला कि 9 डॉक्टरों की एक टीम उनका उपचार कर रही है. हालांकि हॉस्पिटल में उपचार के दौरान मुख्तार अंसारी की मृत्यु हो गई. रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, 63 वर्षीय अंसारी को उल्टी की कम्पलेन के बाद कारावास ऑफिसरों द्वारा हॉस्पिटल लाया गया और इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया गया. जब वह हॉस्पिटल पहुंचे तो वह बेहोश थे. उनके उपचार में 9 डॉक्टरों की टीम शामिल थी. बुलेटिन में बोला गया, लेकिन अनेक कोशिशों के बावजूद, दिल गति रुकने से अंसारी का मृत्यु हो गया.

दो दिन के भीतर यह दूसरी बार है जब उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया है. इससे पहले मंगलवार को पेट दर्द की कम्पलेन के बाद उन्हें बांदा में लगभग 14 घंटे के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. उन्हें मंगलवार को छुट्टी दे दी गई और वापस कारावास ले जाया गया. पिछली बार हॉस्पिटल में भर्ती होने के बाद अंसारी के भाई अफजाल अंसारी ने इल्जाम लगाया था कि मुख्तार अंसारी को कारावास में खाने में कोई पदार्थ मिलाकर जहर दिया गया था.

गाजीपुर से सांसद अफजल ने बोला था कि मुख्तार ने कहा था कि कारावास में उसे खाने में जहरीला पदार्थ दिया गया. ऐसा दूसरी बार हुआ. करीब 40 दिन पहले भी उसे जहर दिया गया था.  और हाल ही में 19 मार्च या 22 मार्च को उन्हें फिर से यह (जहर) दिया गया, जिसके कारण उनकी हालत खराब है.गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी 2005 से पंजाब और यूपी में सलाखों के पीछे था. 60 वर्षीय डॉन से नेता बने मुख्तार अंसारी के विरुद्ध 60 से अधिक आपराधिक मुद्दे लंबित हैं. उन्हें सितंबर 2022 से अब तक आठ मामलों में उत्तर प्रदेश की विभिन्न अदालतों द्वारा सजा सुनाई गई थी और वह बांदा कारावास में बंद थे. उनका नाम पिछले वर्ष यूपी पुलिस द्वारा जारी 66 गैंगस्टरों की सूची में था.

मुख्तार अंसारी – 30 जून 1963 को जन्म – एक माफिया डॉन था जो 70 और 80 के दशक में पूरे यूपी में आतंक का पर्याय बन गया था. बाद में वह राजनीति में आये और लगातार पांच बार मऊ से विधानसभा चुनाव जीते. उन्होंने कारावास से भी चुनाव लड़ा और जीता था.

मुख़्तार अंसारी और कांग्रेस पार्टी में क्या संबंध:-

बता दें कि, उमर अंसारी और विधायक अब्बास अंसारी के पिता माफिया मुख़्तार अंसारी के कांग्रेस पार्टी के साथ पुराने पारिवारिक संबंध रहे हैं, गैंगस्टर के दादा मुख़्तार अहमद अंसारी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं. और 10 वर्ष तक राष्ट्र के उपराष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी, मुख़्तार के चाचा हैं. हामिद अंसारी पर भी उपराष्ट्रपति रहते समय R&AW एजेंट्स की जान खतरे में डालने के इल्जाम लगे थे. कांग्रेस पार्टी से इन्ही संबंधों का नतीजा था कि, पंजाब की कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट ने मुख़्तार को अपनी कारावास में रोके रखने के लिए हर संभव प्रयास की थी. बाद में पता चला था कि, पंजाब गवर्नमेंट मुख़्तार को कारावास में VIP ट्रीटमेंट दे रही थी. पंजाब की AAP गवर्नमेंट में मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने दावा किया था कि, पूर्व की कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट ने मुख़्तार को कारावास में VIP ट्रीटमेंट दिया और 55 लाख रुपए सुख-सुविधाओं पर खर्च किए.

बता दें कि, मुख्तार पंजाब की कारावास में 2 वर्ष 3 महीने तक बंद रहे. बाद में न्यायालय के आदेश पर मुख्तार को उत्तर प्रदेश की बांदा कारावास में शिफ्ट किया गया. बता दें कि मुख़्तार अंसारी पर हत्या, लूट, अपहरण, फिरौती के कई मुद्दे दर्ज हैं, जिसमे से अकेले 302 यानी मर्डर के ही 18 मुद्दे हैं, ये तो वो मुद्दे हैं, जो पुलिस थानों के रिकॉर्ड में हैं, इसके अतिरिक्त न जाने कितने और क्राइम होंगे, जो राजनीति की सफ़ेद पोशाख में छुपे हुए होंगे और राजनीतिक संरक्षण के चलते दबा दिए गए होंगे.

 

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