उत्तर प्रदेश

UP Lok Sabha elections 2024: यूपी में नए सिरे से बिछाई जातीय समीकरण 

यूपी Lok Sabha elections 2024: सहारनपुर में सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी इमरान मसूद के सुर इस बार काफी बदले हुए हैं. वह न सिर्फ़ हिंदू-मुस्लिमों से मिलकर रहने की अपील कर रहे हैं बल्कि दर्शन करने देवी माता के मंदिर भी पहुंच गए. कैराना से समाजवादी पार्टी प्रत्याशी इकरा हसन जब प्रचार में निकलती हैं तो उनके साथ ज्यादातर गैरमुस्लिम समर्थक होते हैं. वह प्रचार भी हिंदू बाहुल्य क्षेत्रों में अधिक कर रही हैं. यह दो उदाहरण बानगी भर हैं.  पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बिछी चुनावी बिसात में इण्डिया गठबंधन खासी सावधानी से प्रचार कर रहा है. विवादित मुद्दों से बचने की प्रयास तो ही रही है. यह सब इसलिए ताकि यहां चुनावों में वोटों का ध्रुवीकरण न हो पाए. इसलिए यहां विवादित मुद्दों पर बोलने वाले समाजवादी पार्टी के नेता सन्नाटा ओढ़े हुए हैं.

नए सिरे से बिछाए जातीय समीकरण 
मुस्लिम बाहुल्य मुसलमान सीट मुरादाबाद जहां दस बार मुसलमान सांसद जीते हों, वहां समाजवादी पार्टी ने एक वैश्य समुदाय की प्रत्याशी को उतार कर बड़ा खतरा उठाया है. बागपत जैसी जाट बाहुल्य सीट पर ब्राह्मण प्रत्याशी उतारा है. इण्डिया गठबंधन के रणनीतिकार इसे इन इलाकों में साम्प्रदायिक आधार पर वोटों के बंटवारे को रोकने की प्रयास का हिस्सा मानते हैं लेकिन रामपुर में समाजवादी पार्टी प्रत्याशी को पार्टी के एक गुट से विरोध का सामना करना पड़ रहा है.

तीन चरणों की 26 सीटों पर समाजवादी पार्टी ने दिए कम मुस्लिम
सपा ने पहले चरण की 8 सीटों में दो मुसलमान दिए हैं जबकि कांग्रेस पार्टी ने एक. दूसरे चरण की 8 सीटों में समाजवादी पार्टी ने एक भी मुसलमान प्रत्याशी नहीं दिया जबकि कांग्रेस पार्टी ने एक. तीसरे चरण में समाजवादी पार्टी ने एक मुसलमान को टिकट दिया है. इस तरह तीन चरणों की 26 सीटों में समाजवादी पार्टी कांग्रेस पार्टी ने सिर्फ़ पांच मुसलमान प्रत्याशी उतारे हैं. अपेक्षाकृत कम मुसलमान प्रत्याशी उतारने के पीछे की मंशा गैर मुसलिम वोटों में भी बड़ी हिस्सेदारी लेने की है. गठबंधन के रणनीतिकार मान रहे हैं कि मुसलमान वोट में बड़ा हिस्सा तो उनके साथ आएगा ही. इसीलिए इस पर सन्नाटा रखी जाए ताकि हिंदू वोट विभिन्न जातियों के आधार पर मतदान करे.

गैर जाटव और गैर यादव ओबीसी पर फोकस 
सपा कांग्रेस पार्टी ने इन 26 सीटों पर 10 ओबीसी, पांच दलित, पांच मुसलमान  व 6 सवर्णों को टिकट दिया है. इसमें समाजवादी पार्टी ने अपने कोटे की 18 सीटों में सिर्फ़ तीन यादवों को प्रत्याशी बनाया है. बाकी कुर्मी, सैनी, शाक्य, मौर्य को अगुवाई दिया है. पिछले लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा और रालोद का गठबंधन था. उस गठबंधन ने बीजेपी के विरुद्ध सात मुस्लिमों को टिकट दिया था जबकि दलितों और सवर्णों की तादाद इस बार के मुकाबले कम थी. इस बार समाजवादी पार्टी के गठबंधन में कांग्रेस पार्टी साथ है तो बीएसपी अकेले लड़ रही है. रालोद बीजेपी संग जाकर दो सीटों पर लड़ रहा है. इण्डिया गठबंधन दलित वर्ग में जाटव के मुकाबले पासी, बाल्मीकि आदि दलित जातियों को अधिक टिकट दिए हैं.

मुस्लिम वोटों के लिए इण्डिया गठबंधन का बीएसपी से कड़ा संघर्ष 
बसपा ने तीन चरणों की 26 सीटों में 8 मुसलमान प्रत्याशी उतार कर मुसलमान वोटों पर बड़ी दावेदारी जता दी है. मसलन सहारनपुर, रामपुर, मुरादाबाद, पीलीभीत, अमरोहा, संभल, बदायूं और आंवला में बीएसपी के मुसलमान प्रत्याशी और इण्डिया गठबंधन के बीच मुसलमान वोटों का बंटवारा होगा. खास तौर पर सहारनपुर, रामपुर, अमरोहा, संभल में तो इसके लिए बड़ी जंग होने के आसार हैं. इन सीटों पर गठबंधन ने मुसलमान प्रत्याशी दिए हैं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button