उत्तराखंड- तार में फंसी मिली उड़ने वाली दुर्लभ गिलहरी

पहाड़ों में ऐसे कई जीव जंतु हैं, जो धीरे-धीरे विलुप्त हो चुके हैं। उत्तराखंड के सोमेश्वर में करीब 70 वर्ष से विलुप्त मानी जा चुकी उड़ने वाली गिलहरी देखने को मिली है, जिससे यह जीव जंतुओं में रुचि रखने वाले लोगों और क्षेत्रीय लोगों में कौतूहल का विषय बना रहा। यह गिलहरी तारों में फंसी हुई थी, जहां क्षेत्रीय ग्रामीणों की सहायता से उसे तार से निकाला गया, जिसके बाद वह गिलहरी उड़ गई।
दरअसल यह गिलहरी वूली गिलहरी के नाम से जानी जाती है, जो उड़ भी सकती है। करीब 70 वर्ष पहले इस गिलहरी को विलुप्त बताया जा चुका है। अल्मोड़ा के सोमेश्वर में इसके दिखाई देने से सभी के लिए यह एक दुर्लभ दृश्य था। मिली जानकारी के अनुसार, सोमेश्वर के फलटा चनोली गांव के रहने वाले किशोर नयाल को जंगल के पास तारों में फंसा एक पक्षी देखने को मिला है।
उसके बाद उनके बेटे राहुल नयाल ने इसके बारे में जब ग्रामीणों को बताया, तो ग्रामीणों द्वारा गूगल की सहायता से उस जीव के बारे में वे जानकारी जुटाने लगे। उसके बाद वह सब दंग हो गए कि 70 वर्ष पहले विलुप्त मानी जा चुकी उड़ने वाली गिलहरी उन्हें देखने को मिली है।
आपको बता दें कि वर्ष 2004 में भी इस गिलहरी को देखने का दावा किया गया था। फिर उसके बाद उत्तरकाशी में भी यह दुर्लभ प्रजाति दिखाई देने की जानकारी मिली थी। सोमेश्वर के क्षेत्रीय लोगों ने गिलहरी को अपने कैमरे में भी कैद किया।इधर सिविल सोयम के डीएफओ डीएस मर्तोलिया ने बताया कि दुर्लभ प्रजाति की उड़ने वाली गिलहरी देखने को मिली है, जो आने वाले समय के लिए एक अच्छा संकेत है। ऐसे पक्षियों, जीव-जंतुओं को संरक्षित करने की आवश्यकता है