पूर्णिया सीट से निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव के नामांकन के बाद बना चर्चाओं का माहौल
कांग्रेस में शामिल होने के बाद जन अधिकार पार्टी पप्पू यादव के नामांकन दाखिल को लेकर अब बिहार की राजनीति में जबरदस्त तकरार का माहौल दिख रहा है. समाचार है कि गुरुवार यानी 4 अप्रैल को बिहार के पूर्णिया सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पप्पू यादव ने अपना नामांकन किया. जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का माहौल गर्म हो गया.
दरअसल, गुरुवार को पप्पू यादव पूर्णिया सीट पर नामांकन के लिए के लिए अपने समर्थकों के साथ मोटर सायकल पर नामांकन केंद्र पहुंचे थे. जहां उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन पर्चा दाखिल करते हुए I.N.D.I.A गठबंधन के लिए टेंसन बढ़ा दिया है. नामांकन के बाद उन्होंने मीडिया से वार्ता करते हुए बोला कि वह कांग्रेस पार्टी के साथ हैं और पार्टी को बिहार में आगे बढ़ाना चाहते हैं.
इस दौरान उन्होंने बड़ा दावा करते हुए बोला कि, “मुझे इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी का समर्थन प्राप्त है. अब क्यूंकि मैंने अपनी पार्टी को विलय कर लिया था इसलिए मुझे निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ रहा है. ऐसे में मेरी भावना कांग्रेस पार्टी को समर्पित है. कांग्रेस पार्टी परिवार से मुझे अलग करने की प्रयास की जा रही है. मगर मुझे कोई कांग्रेस पार्टी परिवार से मरते दम तक अलग नहीं कर सकता. कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के जिताने के लिए मेरे एक-एक वर्कर हर हालात काम करेंगे.”
उन्होंने लालू और उनके बेटे तेजस्वी पर धावा बोलते हुए बड़ा इल्जाम लगाया है. उनका बोलना है कि उनकी सियासी मर्डर की षड्यंत्र रची गई थी. उन्होंने बोला कि, “मेरे पॉलिटिकल डेथ की प्रयास और परिवार के पीछे नफरत देखते हुए मुझे समझ नहीं आ रहा कि आखिर यह कैसी नफरत थी? आज का दिन मेरी जीवन के अध्याय का है क्योंकि मैंने सबका दिल जीता है और मुझे सभी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है.
गौरतलब है कि हाल ही में पप्पू यादव ने कांग्रेस पार्टी के साथ अपनी जन अधिकार पार्टी का विलय किया था. मगर सीटों के बंटवारे से पहले ही लालू यादव ने पूर्णियां से बीमा भारती को टिकट देकर उनका नामांकन पर्चा भरवा दिया. जिसके बाद से बिहार के राजनीति में हंगामा मचा हुआ है. इस बीच एक तरफ कांग्रेस पार्टी है, जिसने पप्पू को I.N.D.I.A गठबंधन का प्रत्याशी बताने से साफ इनकार कर दिया है. तो वहीं, दूसरी तरफ स्वयं पप्पू यादव हैं जो कांग्रेस पार्टी को बिहार में आगे बढ़ाने की बात कर रहे हैं. ऐसे में एक बात तो साफ़ है उनके इस कदम से अब महागठबंधन की टेंशन बढ़ गई है.
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