ललन सिंह के थूकने वाले बयान पर गिरिराज ने किया पलटवार, कहा…
पटना। भाजपा और नीतीश कुमार के करीब आने के मुद्दे में बिहार में राजनीति लगातार तेज है लेकिन इस मुद्दे अभी बात बहुत आगे बढ़ते नहीं दिख रही है। अब जदयू और बीजेपी दोनों एक दूसरे पर हमलावर हैं। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बोला कि भाजपा जो पार्टी है उसका काम ही है भ्रम फैलाना। नीतीश कुमार सात जन्म तक भाजपा के तरफ देखेगे भी नहीं और भाजपा ऐसी पार्टी है कि उसकी तरफ थूकेंगे भी नहीं। ललन ने बोला कि भाजपा ने जो वादा किया था वो पूरा नहीं किया।
ललन सिंह ने बोला कि भाजपा के कुछ समर्थक थे हमारे पार्टी में इसीलिए रणवीर नंदन को पार्टी से निकाला गया। भाजपा से नीतीश कुमार की नजदिकियां बढ़ रही हैं, ऐसा कभी नहीं होगा। ललन सिंह ने बोला कि सुशील मोदी के बयान का हम नोटिस नहीं लेते हैं। उनका जब तक बयान नहीं छपता है तब तक उनका खाना नहीं पचता है। ललन ने बोला कि सीट शेयरिंग पर जब बात चीत होगी तो आपको बता दिया जायेगा
नीतीश कुमार के भाजपा के साथ आने और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के बयान पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पलटवार किया है। गिरिराज सिंह ने एक फिल्मी गाना गाते हुए बोला “मैं मायके चली जाऊंगी तुम देखते रहना ” नीतीश कुमार इसी तरह लालू यादव को डराते रहते हैं। लालू यादव को सब मालूम है कि कौन थूकता है और कौन खांसता है। गिरिराज सिंह ने बोला कि भाजपा ने बहुत पहले साफ कर दिया है कि नीतीश कुमार के लिए सभी दरवाजे और खिड़की बंद हो चुके हैं। नीतीश कुमार के एक्टिविटी के कारण इस तरह की बातें सामने आती है नीतीश कुमार राजद को डराते रहते हैं।
हालांकि बिहार में टकराव केवल भाजपा और जेडीयू के बीच ही नहीं है। राज्यसभा में मनोज झा के द्वारा कविता पाठ किए जाने के बाद ठाकुर और ब्राह्मणों के मुद्दे में भी विवाद है। जेडीयू मनोज के साथ खड़ी है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बोला कि मनोज झा के बयान को गलत ढंग से परोसा गया है, जिस बयान पर टकराव है वो मनोज झा का बयान नहीं है। ललन सिंह ने बोला कि उनका उद्देश किसी समाज को ठेस नहीं पहुंचना था।
इस मुद्दे में गिरिराज सिंह ने बोला कि मनोज झा जब बोलते हैं तो उनमें लालू यादव का चेहरा नजर आता है। लालू यादव ने प्रारम्भ से समाज को विभाजित किया है। उन्होंने जो काम किया है वह कोई समाज इसे स्वीकार नहीं कर सकता है। मनोज झा के बयान से ठाकुर यानी राजपूत समाज को विरोध होना स्वाभाविक है। लालू यादव को इस पर माफी मांगनी चाहिए थी।